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कैबिनेट विस्तार में मोदी ने रखा ध्यान- शाह का 350+ का प्लान

दरअसल पीएम मोदी और बीजेपी प्रमुख अमित शाह की शुरू से रणनीति रही है कि पहले लक्ष्य तय करो, फिर उसी के मद्देनजर सियासी समीकरण बनाओ ताकि लक्ष्यप्राप्ति की राह में कोई बाधा न आए

पीएम मोदी और अमित शाह पीएम मोदी और अमित शाह
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 04 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 3:23 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया. मोदी सरकार का ये तीसरा कैबिनेट फेरबदल था, जिसमें 13 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई. चार मंत्रियों का प्रमोशन करके कैबिनेट मंत्री बनाया गया जबकि 9 नए चेहरों को राज्यमंत्री बनाकर मंत्रिमंडल में शामिल किया गया. इसके अलावा 32 मंत्रियों के विभागों में भी बदलाव किए गए हैं. मोदी सरकार ने इस तर्ज पर मंत्रिमंडल बनाया है, जिसके जरिए 2019 की सियासी जंग फतह हो सके.

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दरअसल पीएम मोदी और बीजेपी प्रमुख अमित शाह की शुरू से रणनीति रही है कि पहले लक्ष्य तय करो, फिर उसी के मद्देनजर सियासी समीकरण बनाओ ताकि लक्ष्यप्राप्ति की राह में कोई बाधा न आए. इसी मंत्र के जरिए मोदी-शाह की जोड़ी देश के कई राज्यों में भगवा ध्वज फहराने में कामयाब रही. अब इस जोड़ी का लक्ष्य 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 350 प्लस सीट जीतना है.

पीएम मोदी ने अपनी कैबिनेट में विस्तार करते समय इसी समीकरण का ध्यान रखा है. यही वजह है कि मोदी के नए मंत्रिमंडल में राज्यों के विधानसभा चुनाव के ज्यादा लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए चेहरे चुने गए हैं. जबकि इससे पहले मोदी सरकार में जो फेरबदल किए गए थे, उसमें राज्यों के होने वाले विधानसभा चुनाव की झलक दिखती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं किया गया.

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बीजेपी को 350+ सीट का लक्ष्य पूरा करना है तो उसे कोस्टल इलाके की 123 लोकसभा  सीटों को भी ध्यान में रखना होगा.  इन सीटों पर बीजेपी कभी नहीं जीत सकी. इनमें  तमिलनाडु-पुड्‌डुचेरी की 40, केरल की 20, पश्चिम बंगाल की 42 और ओडिशा की 21 सीटें शामिल हैं.

इन सीटों को ध्यान में रखते हुए ही मोदी मंत्रिमंडल में चुन-चुनकर चेहरों को जगह दी गई है. ओडिशा से धर्मेंद्र प्रधान को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है, तो केरल को ध्यान में रखते हुए अल्फ़ोंस कन्नथनम को पर्यटन मंत्रालय (स्वतंत्र प्रभार) का जिम्मा दिया गया है. इसके अलावा तमिलनाडु-पुड्‌डुचेरी और आंध्रप्रदेश के मद्देनजर निर्मला सीतारमण को रक्षा मंत्रालय का जिम्मा दिया है. निर्मला देश की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षा मंत्री हैं.

यूपी-बिहार की 120 सीटों पर नजर

यूपी की 80 लोकसभा सीट और बिहार की 40 सीटें मिलाकर कुल 120 सीटें होती हैं. मोदी मंत्रिमंडल में सबसे ज्यादा मंत्री इन्हीं दोनों राज्य से हैं. यूपी से 12 मंत्री हैं तो बिहार से 9 मंत्री हैं. जबकि जेडीयू को अभी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है. मोदी कैबिनेट में रविवार को हुए फेरबदल में भी यूपी-बिहार के दो-दो मंत्रियों को जगह दी गई है. यूपी से सत्यपाल सिंह और शिवप्रताप शुक्ल को राज्यमंत्री बनाया गया है, तो वहीं बिहार से आरके सिंह को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और अश्विनी चौबे को राज्यमंत्री बनाया गया है.

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राजस्थान में 25 लोकसभा सीटें हैं, पिछले चुनाव में बीजेपी ने यहां क्लीन स्वीप किया था. यहां से मोदी कैबिनेट में गजेंद्र सिंह शेखावत को जगह मिली है. शेखावत ने सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को जोड़कर नए भारत के निर्माण की अपनी योजना से पीएम का दिल जीता था. मोदी न्यू इंडिया की बात कर रहे हैं. ऐसे में शेखावत उनके लिए उपयोगी हो सकते हैं.

मोदी के तीसरे कैबिनेट के फेरबदल में उन राज्यों को जगह नहीं मिली जहां इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं.  गुजरात और हिमाचल प्रदेश में कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं. बावजूद इसके वहां से किसी भी नए मंत्री को शामिल नहीं किया गया है. ऐसे में साफ है कि मोदी का लक्ष्य विधानसभा के ज्यादा लोकसभा का है.

 

 

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