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क्या चुनावी कैलेंडर के हिसाब से बदल रहे हैं मोदी मंत्रिमंडल के चेहरे?

मोदी सरकार के जिन मंत्रियों के इस्तीफे की पेशकश की बात सामने आ रही है, उनमें ज्यादातर का ताल्लुक उत्तर प्रदेश से हैं.  इनमें कलराज मिश्रा, उमा भारती, महेंद्र नाथ पांडेय और  डॉ. संजीव कुमार बालियान शामिल हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 01 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 3:03 PM IST

मोदी कैबिनेट में प्रस्तावित फेरबदल को देखते हुए जिन मंत्रियों ने अभी तक अपने इस्तीफे की पेशकश की है. इनमें ज्यादातर मंत्री उन सूबों से हैं जहां विधानसभा चुनाव निपट चुके हैं और बीजेपी की सरकार है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है मोदी मंत्रिमंडल में उन राज्यों के युवा नए चेहरों को जगह मिल सकती है जहां कुछ महीनों के बाद विधानसभा चुनाव हैं. इतना ही नहीं मिशन 2019 के मद्देनजर नए राज्यों में बीजेपी अपने विस्तार के तहत उन जगहों से नए चेहरे भी शामिल कर सकती है.

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यूपी से हुई ज्यादा विदाई

मोदी सरकार के जिन मंत्रियों के इस्तीफे की पेशकश की बात सामने आ रही है, उनमें ज्यादातर का ताल्लुक उत्तर प्रदेश से है.  इनमें कलराज मिश्रा, उमा भारती, महेंद्र नाथ पांडेय और  डॉ. संजीव कुमार बालियान शामिल हैं. ये सभी उत्तर प्रदेश से आते हैं. यूपी का विधानसभा चुनाव निपट चुका है और प्रचंड बहुमत के साथ बीजेपी सूबे की सत्ता पर विराजमान है. जबकि इस्तीफा देने वाले मंत्रियों में महेंद्र नाथ पांडेय को यूपी बीजेपी की कमान दे दी गई है. मेनका गांधी को भी महिला कल्याण मंत्रालय से हटाकर किसी अन्य विभाग में भेजा जा सकता है.

रूडी की छुट्टी और जेडीयू की एंट्री

बिहार में बीजेपी को नए सहयोगी मिल जाने के बाद सूबे में अब बीजेपी नीतीश सरकार में भागीदार है. ऐसे में नीतीश की पार्टी के सांसदों को भी मोदी कैबिनेट में जगह मिलना निश्चित है. मोदी सरकार में जेडीयू के दो मंत्रियों को जगह देने की बात कही जा रही है. इनमें एक कैबिनेट और एक राज्यमंत्री बनाया जा सकता है. इसी मद्देनजर बिहार से ताल्लुक रखने वाले मंत्रियों को ड्रॉप किया जाएगा. अभी तक जिन मंत्रियों के इस्तीफे की बात सामने आई है, उनमें राजीव प्रताप रूडी हैं. सूत्रों की मानें तो बिहार से संबंध रखने वाले एक और मंत्री की छुट्टी हो सकती है. इसके अलावा कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के मंत्रालय में भी फेरबदल किया जा सकता है.

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MP चुनाव के मद्देनजर कुलस्ते बाहर

मध्य प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. मौजूदा समय में बीजेपी भले ही सत्ता में काबिज है, लेकिन वह कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है. इसीलिए मोदी सरकार से फग्गन सिंह कुलस्ते की छुट्टी की जा रही है. उनके मंत्रालय में उनकी अटेंडेन्स और पार्टी के संगठन के प्रोग्राम में ना के बराबर हाजिरी होने से भी अमित शाह और प्रधानमंत्री खुश नहीं थे.

बीजेपी की इन राज्यों पर नजर

बीजेपी आगामी विधानसभा चुनाव और 2019 के मिशन के तहत मोदी कैबिनेट का स्वरुप बनाना चाहती है. इसीलिए माना जा रहा है कि उन राज्यों के युवा चेहरों को मोदी मंत्रालय में जगह मिल सकती है. आगामी चुनाव वाले राज्य हैं- हिमाचल प्रदेश, गुजरात और राजस्थान हैं. बीजेपी इन राज्यों के युवा को आगे ला सकती है.

नए इलाकों में प्रसार को तव्वजों

मिशन 2019 के लिए बीजेपी गैर हिंदी भाषी राज्यों की 150 सीटों पर खास नजर रखे हुए हैं जहां पार्टी दूसरे-तीसरे स्थान पर रही थी या अभी प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा. अमित शाह इन राज्यों के लगातार दौरे कर रहे हैं. जैसे ओडिशा, यहां से ताल्लुक रखने वाले धर्मेंद्र प्रधान के कद को बढ़ाया जा सकता है. दक्षिण के राज्यों, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और नॉर्थ ईस्ट से भी लोगों को शामिल किया जा सकता है. नॉर्थ ईस्ट में पिछले कुछ दिनों में बीजेपी के सहयोगी बढ़े हैं. अरुणाचल, मणिपुर, असम में अब बीजेपी की या सहयोगियों की सरकार है. ऐसे में माना जा रहा है कि इन राज्यों से आने वाले सांसदों को मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है.

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