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क्या है पीएम मोदी के मंत्रिमंडल की व्यूह रचना के पैमाने

ऐसी व्यूह रचना खींचना चाहते हैं, जिसके जरिए वो 2019 की जंग फतह कर सके. इसके अलावा उन राज्यों के चेहरों को मोदी सरकार में जगह मिल सकती हैं, जहां कुछ महीनों के बाद सूबे के विधानसभा चुनाव होने हैं,

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और  अमित शाह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 01 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 10:51 AM IST

मोदी कैबिनेट में बड़ा फेरबदल होने जा रहा हैं. नए कैबिनेट की रुपरेखा के मद्देनजर कई पुराने मंत्रियों की छुट्टी हो चुकी है. इनमें ज्यादातर उत्तर प्रदेश से आने वाले मंत्री शामिल हैं. प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी अपने नए मंत्रिमंडल की ऐसी व्यूह रचना खींचना चाहते हैं, जिसके जरिए वो 2019 की जंग फतह कर सके. इसके अलावा उन राज्यों के चेहरों को मोदी सरकार में जगह मिल सकती हैं, जहां कुछ महीनों के बाद सूबे के विधानसभा चुनाव होने हैं, ताकि देश के साथ-साथ राज्य में कमल खिल सके.

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यूपी से आने वाले मंत्रियों की हुई छुट्टी

मोदी सरकार के जिन मंत्रियों के इस्तीफे की पेशकश की बात सामने आ रही है, उनमें ज्यादातर का ताल्लुक उत्तर प्रदेश से है.  इनमें कलराज मिश्रा, उमा भारती, महेंद्र नाथ पांडेय और  डॉ. संजीव कुमार बालियान शामिल हैं. ये सभी उत्तर प्रदेश से आते हैं. यूपी का विधानसभा चुनाव निपट चुका है और प्रचंड बहुमत के साथ बीजेपी सूबे की सत्ता पर विराजमान है. जबकि इस्तीफा देने वाले मंत्रियों में महेंद्र नाथ पांडेय को यूपी बीजेपी की कमान दे दी गई है. संजीव बालियान की जगह मोदी कैबिनेट में बागपत से जीतकर आने वाले जाट नेता सत्यपाल सिंह को जगह मिल सकती है. सत्यपाल सिंह सांसद बनने से पहले मुंबई कमिश्रर थे.

जेडीयू इन और रूडी ऑउट

बिहार में बीजेपी को नए सहयोगी मिल जाने के बाद सूबे में अब बीजेपी नीतीश सरकार में भागीदार है. ऐसे में नीतीश की पार्टी के सांसदों को भी मोदी कैबिनेट में जगह मिलना निश्चित है. मोदी सरकार में जेडीयू के दो मंत्रियों को जगह देने की बात कही जा रही है. इनमें एक कैबिनेट और एक राज्यमंत्री बनाया जा सकता है. इसमें नीतीश कुमार के करीबी सीपी सिंह को जगह मिलना पक्का है.  इसी मद्देनजर बिहार से ताल्लुक रखने वाले मंत्रियों को ड्रॉप किया गया है. अभी तक जिन मंत्रियों के इस्तीफे की बात सामने आई है, उनमें राजीव प्रताप रूडी हैं. सूत्रों की मानें तो बिहार से संबंध रखने वाले एक और मंत्री की छुट्टी हो सकती है. इसके अलावा कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के मंत्रालय में भी फेरबदल किया जा सकता है.

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मिशन साउथ के तहत नए सहयोगी को मौका

नरेंद्र मोदी 2019 की जंग को फतह करने के लिए साउथ में भी नए सहयोगी मिलने की बात कही जा रही है. तमिलनाडू में बीजेपी को नए सहयोगी एआईएडीएमके से नजदीकियां बढ़ी है. इसीलिए माना जा रहा है कि मोदी की नई कैबिनेट में एआईएडीएमके को जगह मिल सकती है. बीजेपी 2019 के लोक सभा चुनाव से पहले एआईएडीएमके को अपने साथ लाने की जुगत में है. बीजेपी और कांग्रेस के बाद एआईएडीएमके संसद में तीसरी बड़ी पार्टी है. एआईएडीएमके को साथ लाना मिशन साउथ प्लान का हिस्सा है.

चुनावी राज्यों पर फोकस

मोदी कैबिनेट में उन राज्यों के चेहरों को शामिल किया जा सकता है, जहां विधानसभा चुनाव होने हैं. बीजेपी किसी तरह की कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. मध्य प्रदेश से फग्गन सिंह कुलस्ते की छुट्टी की जा रही है. उनकी जगह प्रहलाद पटेल को शामिल किया जा सकता है.  कर्नाटक में   विधानसभा चुनाव है इसी मद्दे नजर प्रहलाद जोशी को शामिल किए जाने की संभावना है. राजस्थान के विधानसभा चुनाव के मद्दे नजर ओम माथुर को जगह मिलनी तय है. विनय सहस्त्रबुद्धे की भी इंट्री होनी तय है.

नए इलाकों में प्रसार को तव्वजों

मिशन 2019 के लिए बीजेपी गैर हिंदी भाषी राज्यों की 150 सीटों पर खास नजर रखे हुए हैं जहां पार्टी दूसरे-तीसरे स्थान पर रही थी या अभी प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा. अमित शाह इन राज्यों के लगातार दौरे कर रहे हैं. जैसे ओडिशा, यहां से ताल्लुक रखने वाले धर्मेंद्र प्रधान के कद को बढ़ाया जा सकता है. दक्षिण के राज्यों, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और नॉर्थ ईस्ट से भी लोगों को शामिल किया जा सकता है. नॉर्थ ईस्ट में पिछले कुछ दिनों में बीजेपी के सहयोगी बढ़े हैं. अरुणाचल, मणिपुर, असम में अब बीजेपी की या सहयोगियों की सरकार है. ऐसे में माना जा रहा है कि इन राज्यों से आने वाले सांसदों को मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है.

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