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अयोध्या को इंटरनेशनल टूरिस्ट सेंटर बनाने की तैयारी

शिव की नगरी वाराणसी के बाद सरकार का ध्यान अब भगवान राम पर है. दरअसल, वाराणसी के बाद अब अयोध्या को टूरिस्ट सेंटर के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है. इसके तहत सरकार इस शहर को चमकाना चाहती है ताकि देसी-विदेशी टूरिस्ट बड़ी तादाद में यहां आएं और पर्यटन के क्षेत्र को विस्तार मिले.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 नवंबर 2014,
  • अपडेटेड 3:17 PM IST

शिव की नगरी वाराणसी के बाद सरकार का ध्यान अब भगवान राम पर है. दरअसल, वाराणसी के बाद अब अयोध्या को टूरिस्ट सेंटर के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है. इसके तहत सरकार इस शहर को चमकाना चाहती है ताकि देसी-विदेशी टूरिस्ट बड़ी तादाद में यहां आएं और पर्यटन के क्षेत्र को विस्तार मिले.

एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक, सरकार हिंदुओं के इस पवित्र शहर का रंगरूप बदलने की तैयारी में है. इसके लिए वहां स्थित एक प्रचीन स्मारक का जीर्णोद्धार भी किया जाएगा. यह स्मारक एक कोरियाई रानी का है, जो अयोध्या से लगभग 2,000 साल पहले कोरिया गई थीं. तब रानी ने वहां के राजा सुरो से विवाह किया और फिर वहीं की होकर रह गईं. रानी का नाम हुह वान-ओक बताया जाता है. यही नहीं, कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति किम दाए-जुंग उनके ही वंशज हैं.

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अयोध्या में रानी के वर्तामान स्मारक का 2001 में उद्घाटन हुआ था. अब सरकार कोरिया से कारीगर लाकर इसे और बेहतर बनाना चाहती है ताकि वहां टूरिस्ट इस ओर ध्यान दें. केंद्र सरकार ने इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार को हरी झंडी दिखा दी है. उसने राज्य सरकार को प्रस्तावित डिजाइन भी सौंप दिया है. साथ ही कोरिया से फोटोग्राफ आदि भी मंगवाए गए हैं.

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