
केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में 23 फीसदी तक के इजाफे को मोदी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया गया.
पीएम ने इस संबंध में वित्त मंत्रालय से सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट मांगी थी. नया वेतनमान 1 जनवरी 2016 से लागू होगा. यानी सभी केंद्रीय कर्मचारियों को छह महीने का एरियर भी मिलेगा.
कैबिनेट बैठक में मूल रूप से 7वें वेतन आयोग की रिपोर्ट पर चर्चा होनी थी. सूत्र बताते हैं कि मोदी सरकार ने 7वें वेतन आयोग की सभी सिफारिशों को मंजूरी दे दी है. इससे एक करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा मिलेगा. इसमें 58 लाख पेंशनभोगी भी शामिल हैं.
'पहली बार सरकार समय पर कर पाई है लागू'
दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव उमेश सहगल ने 7वें वेतन आयोग को कैबिनेट की मंजूरी मिलने पर कहा, 'हम सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हैं. यह हर 10 साल में एक बार होना होता है. इस बार ये समय पर हुआ है. 23 फीसदी बहुत अच्छा इन्क्रीमेंट है. हालांकि, प्राइवेट और सरकारी सेक्टर में सैलरी के अनुपात में काफी फर्क है. लेकिन सरकारी और प्राइवेट सेक्टर की नौकरी के अपने फायदे और नुकसान हैं.'
उन्होंने आगे कहा कि यह पहली बार है कि कोई सरकार इस बार ये समय पर कर पाई है, क्योंकि सरकार ने इकोनॉमी को सुधारने की कोशिश की और सरकार ने आर्थिक अनुशासन के साथ काम किया. राज्य सरकार और म्युनिसिपल को भी इससे सबक लेना चाहिए.
पीके सिन्हा की अध्यक्षता में बनी समिति
जनवरी में सरकार ने कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा की अध्यक्षता में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर प्रक्रिया के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था.
बताया जा रहा है कि जुलाई में यह रिपोर्ट लागू कर दी जाएगी और जनवरी 2016 से कर्मचारियों को एरियर दिया जाएगा . छठा वेतन आयोग 1 जनवरी 2006 से लागू हुआ था.