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कर्नाटक में सियासी घमासान, PM मोदी ने देवगौड़ा को फोन कर दी जन्मदिन की बधाई

कर्नाटक में जारी जंग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस के प्रमुख एचडी दोवगौड़ा को फोन करके जन्मदिन की दी बधाई. साथ ही उनकी सेहत और लंबी उम्र की कामना की. बता दें कि देवगौड़ा आज तिरुपति बालाजी मंदिर दर्शन के लिए गए हुए हैं.

एचडी देवगौड़ा और नरेंद्र मोदी एचडी देवगौड़ा और नरेंद्र मोदी
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 18 मई 2018,
  • अपडेटेड 1:40 PM IST

कर्नाटक में जारी सियासी जोड़ तोड़ के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस के प्रमुख एचडी दोवगौड़ा को फोन करके जन्मदिन की बधाई दी और उनकी सेहत और लंबी उम्र की कामना की.

बता दें कि देवगौड़ा दर्शन के लिए आज तिरुपति बालाजी मंदिर गए हुए हैं, जबकि कर्नाटक में बीजेपी और जेडीएस के बीच सत्ता की लड़ाई जारी है. इन सबके बीच पीएम मोदी के देवगौड़ा को फोन करने से राजनीतिक अटकलें भी लगाई जाने लगी हैं.

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कर्नाटक चुनाव के दौरान भी नरेंद्र मोदी ने देवगौड़ा की तारीफ की थी. इसके बाद देवगौड़ा ने भी नरेंद्र मोदी की शान में कसीदे पड़े थे. माना जा रहा था कि चुनाव नतीजों के आने के बाद जेडीएस और बीजेपी मिलकर सरकार बनाएगी, लेकिन कांग्रेस और जेडीएस ने आपस में हाथ मिला लिया है, जबकि मुख्यमंत्री की शपथ बीजेपी के येदियुरप्पा ले चुके हैं और उनके सामने बहुमत साबित करने की सबसे मुश्किल चुनौती है.

कर्नाटक की राजनीति में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा जेडीएस का प्रमुख चेहरा होने के साथ-साथ राज्य के सबसे बुजुर्ग नेता भी हैं. उन्होंने 85 साल की उम्र पूरी कर ली है.

देवगौड़ा का जन्म 18 मई 1933 को कनार्टक के हासन जिले के होलनरसिपुर तालुक में हरदनहल्ली गांव में हुआ था. वह किसान परिवार से संबंध रखते हैं और उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा की डिग्री ले रखी है. 20 साल की उम्र में उन्होंने राजनीति में कदम रखा. 1994 में देवगौड़ा कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने और दो साल के बाद केंद्र में संयुक्त मोर्चा की सरकार बनी तो वे प्रधानमंत्री बने.

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उन्होंने अपनी राजनीतिक शुरुआत कांग्रेस पार्टी से 1953 में किया, लेकिन 1962 में पार्टी छोड़ दी. इसी साल निर्दलीय रूप से चुनाव मैदान में उतरे देवगौड़ा होलनरसिपुर सीट से विधायक बने. इसके बाद 1967, 1972, और 1976, 82 में लगातार चार बार विधायक बने. आपातकाल के दौरान 18 महीने जेल में भी रहे.

कर्नाटक में जनता पार्टी की सरकार में लोकनिर्माण और सिंचाई मंत्री भी रह चुके हैं. 1989 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद 1991 में वह हासन संसदीय क्षेत्र से संसद के लिए निर्वाचित हुए और दो बार जनता दल के नेता बने.

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