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बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने PM नरेंद्र मोदी को भारत का 'भाग्य विधाता' करार दिया है. आज तक के कार्यक्रम 'सीधी बात' में साक्षी महाराज ने कहा कि अगर मोदी कहें, तो वे अपनी गर्दन उनके चरणों में चढ़ा सकते हैं.
साक्षी महाराज ने कहा, 'हम मोदी जी के सच्चे सिपाही हैं. मोदी जी अगर हमसे गर्दन मांगेंगे, तो हम मोदी जी के चरणों में अपनी गर्दन चढ़ाने वाले आदमी हैं. इस राष्ट्र के लिए मोदी जी की इच्छा के विपरीत चलने वाले नहीं हैं. मुझे लगता है कि मोदी जी भारत के भाग्य विधाता हैं. वो हम सबके भी भाग्य विधाता हैं.'
पीएम के कामकाज की तारीफ करते हुए साक्षी महाराज ने कहा, 'कभी-कभी तो मुझे लगता है कि मोदी जी केवल व्यक्ति नहीं हैं, सारी दैवीय शक्तियां मोदी जी के अंदर बैठ गई हैं. मोदी जी जो कुछ कर रहे हैं, वह कोई व्यक्ति नहीं कर सकता. मैं भी नहीं कर सकता.'
इस सवाल पर कि आप विवादों के पीछे भागते हैं या विवाद आपके पीछे, साक्षी महाराज ने जवाब में कहा, 'न मैं विवादों के पीछे भागता हूं, न ही विवाद मेरे पीछे. दरअसल आजकल लोग टेढ़ी बात बहुत करने लगे हैं, इसीलिए आज मैं सीधी बात करने आया हूं. चार बच्चों वाली बात मैंने एक आध्यात्मिक कार्यक्रम में कही थी. वहां अलग-अलग मठ और मंदिरों के पांच सौ धर्माचार्य थे. हमें चिंता इस बात की है कि आज हमें अपना उत्तराधिकारी नहीं मिल रहा है. उसकी बहुत बड़ी वजह है हमारी आबादी.'
इस सवाल पर कि उत्तराधिकारी क्यों नहीं मिल रहा है, साक्षी महाराज ने कहा 'लोगों के एक या दो बच्चे हैं. कौन हमें अपना बेटा देगा? इसकी बहुत बड़ी वजह है हमारी सरकार और पार्टी की नीति- हम दो और हमारे दो. हमारे जैसे हिन्दू संगठन के लोग तो हम दो और हमारे चार या पांच कह रहे हैं. लेकिन बहुत से तो ऐसे लोग हैं, जो कहेंगे हम पांच और हमारे पच्चीस. या हम चार और हमारे चालीस.'
'आप किसकी तरफ इशारा कर रहे हैं?' इस सवाल को टालते हुए से साक्षी महाराज ने कहा, 'आप सभी जानते हैं कि मैं किसकी तरफ इशारा कर रहा हूं. लेकिन साथ ही मैं ये भी कहूंगा कि सबके लिए इस देश में कानून एक समान होना चाहिए. इस देश में दो तरह के कानून नहीं चलने चाहिए, इसीलिए केवल इस बात को बहस के लिए आप सबके बीच छोड़ा था. न चार बीवी, चालीस बच्चे चलना चाहिए, न पांच बीवी, पच्चीस बच्चे चलना चाहिए.'
साक्षी महाराज से सवाल किया गया कि उन्हें अपने बयानों के लिए नोटिस मिला है, उसका क्या करेंगे? साक्षी महाराज ने कहा, 'मैंने जो भी कुछ कहा, संत और धर्माचार्य होने के नाते कहा. लेकिन पार्टी ने हमें नोटिस दे दिया, नोटिस मेरी जेब में है. मैं जब चाहूंगा, उसका जवाब दे दूंगा. लेकिन साथ ही ये पूछना चाहता हूं कि क्या ओवैसी पर उनके भड़काऊ बयानों के खिलाफ कार्रवाई हुई. याकूब कुरैशी ने कहा कि पेरिस में जिन्होंने भी हत्या की है, उन्हें 51 करोड़ का इनाम देंगे. जब आजम खान साहब से पूछा गया कि आपके पास फंड कहां से आए, तो उन्होंने कहा कि हमारे पास तालिबानी फंड है. क्या इन लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई?'
सवाल किया गया, 'लेकिन आपको अमित शाह से डांट तो सुननी ही पड़ी?' इसके जवाब में साक्षी महाराज ने कहा, 'हमारी पार्टी कोई तालिबानी पार्टी नहीं है कि डांट-डपट से काम लिया जाए. नोटिस मिल गया है, वही बड़ी बात है. इस बात को आप छोड़ दें कि नोटिस मुझे मिल गया है. उसका जवाब मैं दे दूंगा. मुझे अपने बयान पर कोई अफसोस भी नहीं. मुझे विश्वास है कि पार्टी को जब मैं स्पष्टीकरण दूंगा, तो पार्टी संतुष्ट हो जाएगी. देश मुझे अच्छी तरह जानता है. मुझे नोटिस मिल गया. अब क्या मुझे फांसी चढ़ाना चाहते हैं? इस बात को क्यों बेकार में तूल दे रहे हैं?'
यह पूछे जाने पर कि क्या आप हर मुसलमान को देश के लिए खतरा मानते हैं, साक्षी महाराज ने कहा, 'मैं ये कतई नहीं मानता. मोदी जी ने खुद कहा है कि हिन्दुस्तान के मुसलमानों की राष्ट्रभक्ति पर शक नहीं किया जाना चाहिए. मैं भी यही मानता हूं. हिंदू-मुसलमान, दोनों एक साथ इस देश की आजादी के लिए लड़े थे. विदेशी शक्तियां, जो गड़बड़ करने का प्रयास कर रही हैं, उनके इरादे कभी भी पूरे न हों. हम चाहते हैं कि यहां के लोग मिल-जुलकर रहें. हमारा मकसद न किसी का दिल दुखाने का है, न ही किसी के अपमान करने का. न ही मैंने किसी मजहब पर उंगली उठाई है.'
साक्षी महाराज ने कहा, '4 बच्चों वाला बयान गलती से दे दिया, तो मीडिया को ज्यादा परेशानी हो गई. न कोई देश टूटा, न कोई मुसलमान भड़का, न मुसलमानों ने बुरा माना. सच तो ये है कि मोदी पूरी तरह विकास के रास्ते पर चल पड़े हैं. विपक्षियों को कोई मुद्दा मिल नहीं रहा है, इसलिए वो ये मुद्दा उठा रहे हैं कि साक्षी महाराज ने क्या बोला. कभी यह ढूंढ रहे हैं कि साध्वी निरंजना या योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा. जनता सब जानती है. लेकिन वैसे मैं ये भी कहूंगा कि साध्वी और योगी आदित्यनाथ को असंसदीय भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.'
साक्षी महाराज से पूछा गया, 'नाथूराम गोडसे कौन हैं?' इस पर साक्षी महाराज ने कहा, 'गोडसे महात्मा गांधी का हत्यारा है. लेकिन कुछ लोग गोडसे को देशभक्त भी मानते हैं. महात्मा गांधी को मारा, तो हत्यारा ही है. मैं मान नहीं सकता कि गोडसे देशभक्त था. मैं सत्ता में हूं. सरकार में हूं. मोदी जी के साथ हूं, इसलिए महात्मा गांधी का पुजारी हूं. अगर सत्ता में नहीं होता, तो सोचना पड़ता कि गोडसे देशभक्त था कि नहीं. नाथूराम गोडसे ने गांधी जी की हत्या की. अपराध किया और फांसी पर चढ़ गया. लेकिन उस व्यक्ति के दिल में राष्ट्रप्रेम था, इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता. वैसे मैं महात्मा गांधी के सपनों का भारत चाहता हूं, गोडसे के सपनों का नहीं.'
इस सवाल पर कि उन्नाव में जो गंगा नदी में शव मिले हैं, उन शवों के नदी में फेंकने का आरोप आजम खान ने आप पर लगाया है, इस पर साक्षी महाराज ने जवाब में कहा, 'आजम खान मेरे मित्र हैं. उनके दिल में जो टीस है, उसको मैं जानता हूं. वो दरअसल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, लेकिन ऐसा हो न सका, इसलिए इस तरह के बेबुनियाद बयान देकर अखिलेश सरकार को कमजोर कर रहे हैं. मैं तो ये कहता हूं कि अगर साक्षी महाराज ट्रकों में 200-250 लाशें लेकर घूम रहे थे, तो उत्तर प्रदेश सरकार या प्रशासन कहां गया था? इसका मतलब तो यही है कि सरकार निकम्मी है. मैं तो आजम खान साहब पर 100 करोड़ का मानहानि का दावा करने वाला हूं.'