
यूपीए सरकार के दौरान 'सूचना का अधिकार', 'रोजगार का अधिकार' और 'भोजन का अधिकार' मिला, तो नरेंद्र मोदी सरकार ने 'बिजली का अधिकार' देने का मन बनाया है. केंद्र सरकार संसद के मानसून सत्र में बिजली आपूर्ति पाने के अधिकार के लिए बिल लाने की योजना बना रही है. इसके तहत अप्रैल 2019 से सामान्य स्थितियों में दिन में 24 घंटे बिजली सप्लाई नहीं होने पर पावर डिस्ट्रिब्यूटर्स को जवाबदेह ठहराया जाएगा. लेकिन मौजूदा समय में अभी करोड़ों परिवार हैं, जिनके घरों तक अभी तक बिजली की सुविधा नहीं पहुंच सकी है.
1अप्रैल 2019 तक 24 घंटे बिजली सप्लाई का लक्ष्य
इकोनामिक्स टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक पीएम नरेंद्र मोदी ने देश में हर परिवार को दिन-रात बिजली सप्लाई सुनिश्चित करने की डेडलाइन 1 अप्रैल 2019 तय की है. विद्युत अधिकारियों के मुताबिक बिजली उत्पादन के लक्ष्य तो हासिल किए जा चुके हैं, लेकिन सभी गांवों में पावर ट्रांसमिशन की सुविधा इस साल अप्रैल तक ही दी जा सकेगी. पावर मिनिस्ट्री के एक अधिकारी ने बताया, 'मुख्य बाधा डिस्ट्रिब्यूशन की है, न कि प्रोडक्शन और ट्रांसमिशन की.'
अधिकारी ने बताया कि ऐसा देखा गया है कि डिस्कॉम्स लॉस में कमी करने के लिए रोज कुछ घंटे पावर सप्लाई कट करती हैं. उन्होंने कहा कि ये पावर कट मुख्य रूप से 'कमर्शल वजहों' से होते हैं, न कि टेक्निकल फॉल्ट के चलते.
बिजली न मिलने पर दंड का प्रावधान
मोदी सरकार द्वारा लाए जाने वाले विधेयक में सामान्य स्थिति में ग्रहक को पावर सप्लाई न देने पर डिस्ट्रिब्यूटर्स को दंड देने का प्रावधान होगा. सामान्य स्थिति का मतलब यह है कि ब्रेकडाउन न हो या कोई तकनीकी खामी न होने पाए. देश में थर्मल और हाइड्रो पावर का उत्पादन जरूरत से ज्यादा कर रहे हैं. ऐसे में ट्रांसमिशन के लक्ष्य पूरा करना होगा.
935 गांव बिजली सुविधा से वंचित
एनडीए सरकार ने सभी गांवों के विद्युतीकरण के लिए 1 मई 2019 की डेडलाइन रखी है, लेकिन अभी केवल 935 गांवों में बिजली सुविधा नहीं पहुंची है. सरकार को इन गांवों में भी 15 अप्रैल तक बिजली पहुंचा देने की उम्मीद लगाए हुए है.
बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने जब मई 2014 में देश की सत्ता पर विराजमान हुए थे, उस समय चार करोड़ परिवार बिजली की सुविधा से वंचित थे.
इनमें से अब तक 'सौभाग्य योजना' के तहत 29 लाख 33 हजार परिवारों को बिजली की सुविधा पहुंचाई जा चुकी है. यह योजना 11 अक्टूबर 2017 को शुरू की गई थी.नए नियमों के तहत किसी परिवार को बिजली सुविधा से लैस तभी माना जाता है, जब उसका पहला बिजली बिल लेजर में दर्ज की जाए.