
नामांकन दाखिल करने से पहले नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हें बीजेपी ने वाराणसी नहीं भेजा, न ही वह आए हैं बल्कि उन्हें 'गंगा मां' ने बुलाया है. उन्होंने एक बार फिर अपने ब्लॉग में लिखी बात दोहराई कि वह गंगा को साबरमती जैसा बनाना चाहते हैं.
उन्होंने कहा, 'वाराणसी की परंपरा को प्रणाम है. गंगा-जमुना की तहजीब के लिए मुझे परमात्मा शक्ति दे ताकि मैं नगर की सेवा कर सकूं. मैं मां की गोद में लौटा हूं.'
मोदी ने संकेत दिए कि वह गंगा की सफाई को लेकर उनकी सक्रिय रहने की योजना है. उन्होंने काशी को आध्यात्मिक राजधानी के रूप में पहचान मिलने की उम्मीद जताई. उन्होंने बुद्ध से अपने जुड़ाव का जिक्र करते हुए कहा, 'भगवान बुद्ध ने यहीं सारनाथ की धरती पर उपदेश दिया था. मुझे इस भूमि की सेवा करने का अवसर मिला है. मैं चाहता हूं कि सारे विश्व में काशी की जय-जयकार हो.'
मोदी ने बुनकर समाज यानी गरीब मुसलमानों पर भी डोरे डाले. उन्होंने कहा 'दुनिया कपड़ों को लेकर 'होलिस्टिक एप्रोच' है. उनकी मांग है. मैं बुनकरों की जिंदगी बेहतर बनाना चाहता हूं.' उन्होंने कहा कि बुनकरों के कपड़ों को टेक्नॉलजी, मार्केटिंग और डिजाइनिंग से जोड़ने पर काशी का बुनकर भी चीन से मुकाबला कर सकेगा.