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नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिवार की जासूसी की खबर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जर्मनी में नेताजी के पड़पोते से मुलाकात कर सकते हैं. इससे पहले सोमवार को उन्होंने हैनोवर फेयर का उद्घाटन किया. इस दौरान जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल भी उनके साथ थीं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, 'प्रधानमंत्री का मुख्य ध्यान इस बात पर फीडबैक लेना है कि भारत व्यापार के लिए आसान राह बनाने की ओर कैसे बढ़ सकता है. उन्होंने जर्मनी के उद्योगपतियों को भी भरोसा दिलाया है कि समय के साथ उन्हें भी कई अहम बदलाव नजर आएंगे क्योंकि प्रधानमंत्री अब अपनी रूपरेखा को लागू करने की प्रक्रिया में हैं. '
नेहरू ने करवाई थी नेताजी के परिवार की जासूसी
सोमवार को बर्लिन में प्रधानमंत्री की नेताजी सुभाष चंद्र बोसे के पड़पोते से मुलाकात हो सकती है. यह मुलाकात ऐसे समय में होगी, जब नेताजी के परिवार की दो दशकों तक हुई जासूसी की खबर भारत में सुर्खियां बटोर रही है. दो फाइलों से यह खुलासा हुआ था कि देश की पहली जवाहर लाल नेहरू सरकार ने इंटेलिजेंस ब्यूरो से नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिवार और घरों की दो दशक तक (1948 से 1968 तक) जासूसी करवाई थी.
उधर नेताजी के पड़पोते सूर्या ने कहा कि वह प्रधानमंत्री से उन दोनों फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग करेंगे. उन्होंने बताया, 'मुझे बर्लिन में होने वाले उस कार्यक्रम का न्योता भेजा गया है जहां प्रधानमंत्री मोदी आएंगे. सैकड़ों लोगों को यह न्योता मिला है. उम्मीद है कि मुझे उनसे मिलने का मौका मिले. अगर मिला तो मैं उनसे जासूसी मामले पर बात करूंगा. मुझे हैरानी है कि स्वतंत्र भारत में मेरे परिवार की जासूसी की गई.'