
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने आज ब्राजील पहुंचेंगे. मोदी कल बर्लिन में ही रुक गए थे. ब्रिक्स देशों का सम्मेलन आज से ब्राजील के फोर्टलेजा में शुरू हो रहा है. सम्मेलन दो दिनों तक चलेगा. सम्मेलन के दौरान मोदी ब्रिक्स सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों से भी मिलेंगे. मोदी पहले दिन चीन और रुस के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात करेंगे. इस दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी.
मोदी विकास को उड़ान देने के मकसद से रविवार को ही ब्राजील के दौरे पर निकल पड़े थे. साढ़े 17 घंटे की लंबी उड़ान को उन्होंने जर्मनी की राजधानी बर्लिन में ब्रेक किया. आज बर्लिन से उड़ान भरेंगे और दोपहर ढाई बजे ब्राजील के शहर फोर्टलेजा पहुंचेंगे. फोर्टलेजा पहुंचने के दो घंटे के अंदर ही प्रधानमंत्री दो उच्चस्तरीय द्विपक्षीय बैठक में हिस्सा लेंगे.
चीन से नत्थी वीजा पर भी बातचीत!
मोदी की पहली बैठक चीन के राष्ट्रपति शी जिंनपिंग के साथ ग्रैन मार्किज होटेल में होगी, जो 30 से 40 मिनट तक चलेगी. बातचीत दो स्तरों पर होने की उम्मीद है. सबसे पहला होगा आर्थिक मुद्दे और दूसरा सुरक्षा का मुद्दा. आर्थिक मुद्दों में आपसी व्यावसायिक रिश्तों को मजबूत करने के उपायों पर जोर होगा. फिलहाल भारत चीन से करीब 70 बिलियन डॉलर का माल आयात करता है. मोदी सरकार चाहती है कि आयात में कमी आए और निर्यात बढ़ाने की संभावनाओं और उपायों पर चर्चा हो. पीएम मोदी की कोशिश रहेगी कि चीन से भारत में औद्योगिक निवेश बढ़ाने की बात आगे बढ़े. नत्थी वीजा पर चीन के अड़ियल रवैये को भी इस बातचीत में अहमियत मिलने की उम्मीद है.
दूसरी बैठक शाम 7 बजे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ फोर्टलेजा के मरीना पार्क होटल में होगी. जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे तब नरेंद्र मोदी उनसे साथ रूस के दौरे पर जा चुके हैं. उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी दोस्ती के तार को और मजबूत करेंगे.
भारत-रूस-चीन के बीच दोस्ती के नए त्रिकोण?
हाल में ही चीन और रूस ने ऐतिहासिक गैस डील पर मुहर लगाई है जो करीब 400 बिलियन डॉलर की है. इस ऐतिहासिक बदलाव में भारत भी अपनी जगह तलाश रहा है. पर सवाल यही है कि क्या भारत, रूस और चीन के बीच दोस्ती के नए त्रिकोण बनते हैं?
15 जुलाई को प्रधानंमत्री ब्रिक्स मंच पर वैश्विक नेताओं से बहुपक्षीय वार्ता करेंगे. ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान जिन मुद्दों पर चर्चा होगी उनमें आर्थिक सहयोग, पर्यावरण, रक्षा रिश्ते मजबूत करने के साथ ही भारत, ब्राजील, रुस, चीन और दक्षिण अफ्रीका के बीच तकनीकी साझेदारी कैसे मजबूत की जाए इस पर भी बातचीत होगी.
इस सम्मेलन में भारत की ओर से प्रधानमंत्री की कोशिश तो यही है कि बड़ी अर्थव्यवस्था और प्रचुर संसाधनों से लबरेज ये पांच देश विश्व के विकसित देशों के मुकाबले मजबूत विकल्प बन कर उभरें. छठा ब्रिक्स सम्मेलन इसलिए भी खास है क्योंकि इस बार ब्रिक्स बैंक लॉन्च हो रहा है जो इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (आईएमएफ) को चुनौती देगा.