
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में भाग लेने इस सप्ताहांत चीन के किंगदाओ जाएंगे. इस दौरान भारत का आतंकवाद की बढ़ती चुनौती से निपटने के प्रभावी तौर तरीकों तथा एससीओ के सदस्य देशों के बीच सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर जोर रहेगा. पिछले करीब डेढ़ महीने में ये दूसरा मौका होगा, जब मोदी चीन का दौरा करेंगे. हाल ही में वह एक इन्फॉर्मल समिट के लिए चीन गए थे.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग की अध्यक्षता में शांदोंग प्रांत के किंगदाओ शहर में नौ और 10 जून को आयोजित हो रहे 18वें एससीओ सम्मेलन में मोदी भाग लेंगे.
उन्होंने कहा कि शिखर सम्मेलन में अन्य मुद्दों के साथ-साथ सदस्य देशों के बीच सहयोग के अवसर और क्षेत्र के हालात पर गौर किये जाने की उम्मीद है. भारत और पाकिस्तान पिछले साल एससीओ के सदस्य बने हैं और इस साल पहली बार पूर्ण सदस्य के तौर पर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं. कुमार ने शिखर सम्मेलन के उद्देश्य के बारे में कहा कि लक्ष्य सदस्य देशों के बीच मौजूद संबंध को और गहरा बनाना है.
इस दौरान सदस्य देशों द्वारा चर्चा किये जाने वाले मुद्दों के बारे में कुमार ने कहा कि उन्होंने चार क्षेत्रों राजनीति ,सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक सहयोग की पहचान की है. पाकिस्तान में हाल ही में हुई एससीओ की एक बैठक में भारत की भागीदारी के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा कि वहां एससीओ के क्षेत्रीय आतंकवाद रोधी तंत्र के तहत भागीदारी की गई थी.
प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में चीन के राष्ट्रपति द्वारा नौ जून की शाम दी जाने वाली स्वागत दावत में भागीदारी भी शामिल है. एससीओ शिखर सम्मेलन का मुख्य कार्य दिवस 10 जून है.
कुमार ने कहा कि मोदी एससीओ देशों के प्रमुखों की बैठक के सीमित एवं विस्तारित दोनों स्वरूपों में भाग लेंगे, उन्होंने कहा कि शिखर सम्मेलन से इतर मोदी की द्विपक्षीय बैठकें भी नियोजित हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शी के साथ नौ जून को एक द्विपक्षीय बैठक होगी.
उन्होंने कहा कि शिखर सम्मेलन में एक घोषणा को भी अंगीकार किया जाना है, इस संबंध में अन्य दस्तावेजों को भी अंतिम रूप दिया जाना है. यह पूछे जाने पर कि क्या भविष्य में एससीओ सार्क की जगह ले सकता है , कुमार ने इसका नहीं में जवाब दिया.