
दिल्ली सरकार बनाम उपराज्यपाल की जंग पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की और केंद्र की मोदी सरकार, बीजेपी और उपराज्यपाल को निशाने पर लिया.
उन्होंने एक बार फिर एलजी नजीब जंग पर बीजेपी के निर्देशों पर काम करने का आरोप लगाया. उन्हें 'PM का वायसरॉय' बताते हुए केजरीवाल ने कहा, 'आजादी से पहले इंग्लैंड की महारानी यहां के वायसरॉय को नोटिफिकेशन भेजा करती थी. यहां जंग साहब वायसरॉय हैं और पीएमओ लंदन है.' उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार दिल्ली में अपने पसंदीदा अधिकारियों को ही रखना चाहती है.
गौरतलब है कि गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर उपराज्यपाल के अधिकार स्पष्ट किए हैं. 21 मई की तारीख वाली इस अधिसूचना में गृह मंत्रालय ने कहा है कि एलजी को दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग का पूरा अधिकार है और वह 'चाहें तो' मुख्यमंत्री से सलाह ले सकते हैं.
'अधिसूचना का आखिरी पैरा कुछ कहता है'
केजरीवाल ने कहा, 'इस अधिसूचना के आखिरी पैराग्राफ से साफ है कि एंटी करप्शन ब्रांच के पुलिस स्टेशन को केंद्र सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों के अपराधों के खिलाफ संज्ञान लेने का अधिकार नहीं है. जबकि एंटी करप्शन ब्यूरो 36 लोगों को गिरफ्तार कर चुका है और उसकी कार्रवाई के बाद 152 लोग सस्पेंड किए जा चुके हैं. वे कुछ लोगों को बचाना चाहते हैं.' दिल्ली सरकार इस अधिसूचना को संवैधानिक जानकारों के जरिये समझने की कोशिश कर रही है.
केजरीवाल ने दावा किया कि दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग की इंडस्ट्री चलती थी, जिस पर AAP सरकार ने पिछले तीन महीनों में खत्म कर दिया है. उन्होंने कहा, 'वे ट्रांसफर-पोस्टिंग अपने हाथ में रखना चाहते हैं. वे अपने पसंदीदा अधिकारियों को दिल्ली में नियुक्त करना चाहते हैं.'
केजरीवाल ने कहा कि एलजी ने कभी उनसे यह नहीं पूछा कि दिल्ली के लोगों को पानी मिल रहा है या नहीं, वह सिर्फ ट्रांसफर और पोस्टिंग अपने हाथ में रखना चाहते हैं. केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों दिल्ली में अपने अधिकारियों को रखना चाहते हैं ताकि वे अपने लोगों के लिए ठेके हासिल कर सकें. उन्होंने कहा कि वह दफ्तरों पर ताले लगवाना नहीं चाहते.
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जंग और केजरीवाल के बीच की लड़ाई नहीं, करप्शन के खिलाफ लड़ाई है. जंग साहब फेल हो गए हैं. वे सिर्फ केंद्र के आदेशों का पालन कर रहे हैं. सारे आदेश पीएमओ से आ रहे हैं. उनका कोई नियंत्रण नहीं है.