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केजरीवाल की खांसी का इलाज करेंगे मोदी के योग गुरु?

उम्मीद की जा रही है कि अगर केजरीवाल ने मोदी की सलाह मानी तो जल्द ही वह योग गुरु डॉक्टर एच.आर. नागेंद्र से खांसी का इलाज करवा सकते हैं.

डॉक्टर एच.आर. नागेंद्र डॉक्टर एच.आर. नागेंद्र
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 फरवरी 2015,
  • अपडेटेड 3:13 PM IST

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की खांसी की समस्या से  हर कोई वाकिफ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनकी खांसी के प्रति चिंता जता चुके हैं. एक कार्यक्रम में उन्होंने केजरीवाल को खांसी से निजात पाने का उपाय भी बताया. उन्होंने केजरीवाल को अपने योग गुरु डॉ. नागेंद्र से इलाज कराने की सलाह दी थी. अब उम्मीद की जा रही है कि अगर केजरीवाल ने मोदी की सलाह मानी तो जल्द ही वह योग गुरु डॉक्टर एच.आर. नागेंद्र से खांसी का इलाज करवा सकते हैं.

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पिछले मंगलवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में दिल्ली के नए मुख्यमंत्री को खांसते हुए देखकर प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें योग थेरेपिस्ट से इलाज कराने की सलाह दी थी. योग और आयुर्वेद से दो लाख से ज्यादा लोगों के दमे की बीमारी का इलाज करने वाले डॉ. नागेंद्र का कहना है, ‘केजरीवाल एलर्जिक कफ और डायबीटीज से परेशान हैं.’ हालांकि केजरीवाल ने अभी तक डॉ. नागेंद्र से संपर्क नहीं किया है.

72 साल के डॉ. नागेंद्र का दिन देर रात 1.30 बजे शुरू हो जाता है. वह रोज सूर्योदय से पहले करीब ढाई घंटे तक योग करते हैं. मोदी से साथ उनका संपर्क करीब दस साल पहले हुआ था. तब नरेंद्र मोदी कर्नाटक में नागेंद्र के चाचा और आरएसएस नेता एचवी शेषाद्रि से मिलने गए थे. इसके बाद मोदी के साथ नागेंद्र की मुलाकात धीरे-धीरे अच्छे संबंधों में बदलती चली गई. नागेंद्र ने अंग्रेजी अखबार 'टाइम्स ऑफ इंडिया' से बात करते हुए बताया कि वे हर साल गुजरात जाकर वहां के नेताओं और मंत्रियों को योग सिखाते हैं, इस दौरान उन्होंने आनंदी बेन पटेल सहित कई मंत्रियों को योग सिखाया है.

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स्वामी विवेकानंद योग अनुसंधान संस्थान (S-VYASA) के सह संस्थापक नागेंद्र का कहना है कि स्पेशलाइज योग और लाइफस्टाइल में मामूली परिवर्तन से अच्छी सेहत पायी जा सकती है. उन्होंने बताया कि हमारे यहां तो रामकृष्ण आश्रम से साधु और क्रिश्चन मिशनरी से नन भी योग सीखने के लिए आते हैं.

वे कहते हैं, 'बेंगलुरु जैसे शहरों में प्रदूषण के कारण दमे के मरीजों की संख्या बढ़ी है. उन्होंने कहा, हमने एक स्टडी की थी कि कैसे योग दमा मरीजों की मदद करता है. यह स्टडी जर्नल ऑफ अस्थमा (अमेरिका) में पब्लिश भी हुई है. नागेंद्र मकैनिकल इंजिनियरिंग कर चुके हैं और आईआईएस से पीएचडी की डिग्री भी उन्होंने हासिल की है. वे बतौर अंतरिक्ष वैज्ञानिक नासा से भी जुड़े रहे हैं और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में कंसल्टेंट भी रह चुके हैं.

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