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Naseeruddin Shah in Ajmer Lit Fest नसीरुद्दीन शाह का पुतला फूंका, कार से नहीं उतर सके

Naseeruddin Shah in Ajmer Lit Fest, एक्टर Naseeruddin Shah शुक्रवार को Ajmer Lit Fest के पांचवें संस्करण में शिरकत करने के लिए पहुंचे. लेकिन यहां उनका जमकर विरोध हुआ. वो फेस्टिवल का शुभारंभ नहीं कर पाए. कुछ संगठनों ने जबरदस्त हंगामा मचाया. बैनर, पोस्टर फाड़ दिए.

नसीरुद्दीन शाह नसीरुद्दीन शाह
शरत कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 21 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 5:19 PM IST

अभिनेता नसीरुद्दीन शाह का अजमेर के पांचवे लिटरेचर फेस्टिवल में जमकर विरोध हुआ. वो फेस्टिवल का शुभारंभ नहीं कर पाए. काफी देर तक लिटरेचर फेस्टिवल के बाहर वह अपनी गाड़ी में बैठे रहे और फिर वापस होटल आ गए. उनके लिटरेचर फेस्टिवल में शामिल होने को लेकर कुछ संगठनों ने जबरदस्त हंगामा मचाया. सारे बैनर, पोस्टर फाड़ दिए और फेस्टिवल के मंच पर चढ़कर भी तहस-नहस की. मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला शांत करना चाहा लेकिन कार्यकर्ता लगातर नारेबाजी करते रहे. वहीं बढ़ते विरोध को देखते हुए नसीरुद्दीन ने कार्यक्रम में आने का फैसला टाल दिया .

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दरअसल, नसीरुद्दीन शाह ने गुरुवार को एक वीडियो जारी किया था. इस वीडियो में उन्होंने कहा था, 'समाज में जहर फैला हुआ है. मुझे मेरे बच्चों को लेकर चिंता होती है. अगर कभी भीड़ ने घेर कर उन्हें पूछ लिया कि तुम हिंदू हो या मुस्लिम तो वो इसका जवाब नहीं दे पाएंगे. देश में किसी पुलिसवाले की मौत से ज्यादा अहम गाय की मौत है. इसी कारण अजमेर में नसीरुद्दीन शाह के आने की खबर के बाद से ही उनका विरोध किया जा रहा है.

बीजेपी युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम स्थल के बाहर उनका पुतला फूंककर जबरदस्त विरोध किया और नसीरुद्दीन को पाकिस्तान जाने की सलाह दी. तो कई राजनीतिक दलों ने शा​​ह के बयान को देशविरोधी करार दिया है. कुछ उनके बयान को पाकिस्तान परस्ती से जोडकर देख रहे हैं.

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समाज में जहर फैल चुका है, मुझे मेरे बच्चों की चिंता: नसीरुद्दीन शाह

बता दें कि इससे पहले नसीरुद्दीन शाह अजमेर में बचपन के अपने स्कूल सेंट असलम पहुंचे और वहां काफी देर तक वक्त बिताया. वहां पर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'मैंने जो बयान दिया वो एक चिंतित हिंदुस्तानी की हैसियत से दिया है. इससे पहले भी कई बार वो इस बात को दोहरा चुके हैं. अपने डर को लेकर मेरा यह बयान पहली बार नहीं है.'

अपने बयान को लेकर चल रही सियासत पर शाह का कहना था कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि आखिर बयान पर इतना विवाद क्यों हो रहा है. कांग्रेस द्वारा बयान के समर्थन और बीजेपी द्वारा बयान के विरोध पर उनका कहना था की दोनों अपना काम कर रहे हैं.

गौरतलब है कि 3 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में कथित गोकशी के बाद हिंसा भड़क गई थी. हिंसा के दौरान किसी ने इंस्पेक्टर सुबोध सिंह को गोली मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई. इसी के चलते शाह ने गुरुवार को वीडियो जारी कर बयान दिया था.

आपको बता दें कि 23 दिसंबर तक चलने वाले इस साहित्योत्सव का उद्घाटन मशहूर फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह करने वाले थे लेकिन विरोध के चलते वह नहीं आए, आयोजक सोमरत्न आर्य के अनुसार, अब उन्हें कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया जाएगा.

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