
मालदीव और बांग्लादेश के 2800 प्रशासनिक अफसरों को भारत प्रशिक्षित करेगा. राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) में लोक प्रशासकों के लिए भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग कार्यक्रम के तहत 16 से 28 सितंबर, 2019 तक मसूरी और दिल्ली में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा है.
प्रशासनिक सुधार और जन शिकायत विभाग के सचिव केवी इयपन, विभाग के अवर सचिव वी. श्रीनिवास ने एनसीजीजी में मालदीव के 33 और बांग्लादेश के 31 लोक प्रशासकों के लिए ‘लोक नीति और सुशासन’ विषय पर आयोजित संयुक्त सत्र को संबोधित किया.
इयपन ने कहा कि भारत का प्रशासनिक मॉडल डिजिटल क्रांति से गुजर रहा है और नवाचार, प्रौद्योगिकी तथा उद्यमों के लिए संसाधनों के बेहतर प्रबंधन तथा प्राथमिक नीतियों को सही तरीके से लागू करने की विकास प्रक्रिया एक जन आंदोलन बन चुकी है. इसमें स्वच्छ और निष्पक्ष लोक प्रशासन पर विशेष रूप से जोर दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा आधार नम्बर के कार्यान्वयन ने डिजिटल विभाजन को कम करने का काम किया है.
भारत ने देश के कई हिस्सों में हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ इंटरनेट एक्सेस में विस्तार देखा है, जिसने स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, ऊर्जा, अगली पीढ़ी की वित्तीय सेवाओं और ई-गवर्नेंस में प्रौद्योगिकी सक्षम हस्तक्षेप को बढ़ावा दिया है. उन्होंने आगे कहा कि विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम दक्षिण एशिया के देशों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है.
प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के अतिरिक्त सचिव वी. श्रीनिवास ने कहा कि प्राथमिकता वाले क्षेत्र के कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है, और भारत की प्रशासनिक व्यवस्था में डिजिटल परिवर्तन दिखाई दे रहा है.
डिजिटल इंडिया, कॉमन सर्विस सेंटर्स, जन-धन खातों, शौचालयों के निर्माण में 85 प्रतिशत कवरेज और इन सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों द्वारा तेजी से प्रौद्योगिकी को अपनाए जाने से भारत डिजिटल उपभोक्ता के मामले में दूसरा बड़ा देश बन गया है. श्रीनिवास ने कहा कि भारत ने भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए मजबूत संस्थागत और विधायी ढांचे के साथ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है. सरकार ने सतर्कता और एहतियाती उपायों को अपनाया है.
चर्चा के दौरान मालदीव और बांग्लादेश के लोक प्रशासकों ने भारत द्वारा डिजिटल गवर्नेंस के क्षेत्र में की गई प्रगति की सराहना की. प्रशिक्षण के दौरान मालदीव और बांग्लादेश के प्रशासकों ने प्रणालियों की अंतर-क्षमता के लिए भारत की नीतियों, डेटा साझा करने के मानदंडों, टेली मेडिसिन सुविधाओं के उपयोग, ग्रामीण विकास कार्यक्रमों में हितधारकों की भागीदारी, निर्णय लेने के लिए मजबूत डेटा सेटों के उपयोग तथा शिकायत निवारण के लिए आवश्यक दिशा-निर्देशों को समझने के अवसर का भरपूर लाभ उठाया.
बता दें कि राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) लोक प्रशासकों को सुशासन का प्रशिक्षण देने वाला प्रमुख संस्थान है. यह पिछले कई समय से दक्षिण एशिया और अफ्रीका के कई देशों के लोक प्रशासकों को प्रशिक्षण देता रहा है. अगले पांच वर्षों में एनसीजीजी बांग्लादेश के 1800 और मालदीव के 1000 प्रशासकों को प्रशिक्षण प्रदान करेगा.