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केंद्र सरकार ने देश की अहम परीक्षाओं में बड़े बदलाव किए हैं. सरकार की ओर से जारी किए गए निर्देशों के अनुसार केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से करवाई जाने वाली कई परीक्षाएं अब नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) करवाएगी. इन परीक्षाओं में मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए आवश्यक नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) और इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए करवाई जाने वाली जेईई और सीएमएटी भी शामिल है.
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि नीट, जेईई, नेट की परिक्षाओं का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से किया जाएगा, जो कि पहले सीबीएसई की ओर से किया जाता था. वहीं सरकार की ओर से परीक्षा के समय में भी बदलाव किया गया है. जावड़ेकर ने बताया कि नीट की परीक्षा हर साल फरवरी और मई में कराई जाएगी. साथ ही ये परीक्षाएं कम्प्यूटर के माध्यम से करवाई जाएगी.
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वहीं जावड़ेकर ने बताया कि नेट की परीक्षा दिसंबर में और जेईई (मेन्स) की परीक्षा हर साल जनवरी और अप्रैल में कराई जाएगी. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने पहले ही इस बात की सिफारिश की थी, परीक्षा के आयोजन के लिए एक एंजेसी होनी चाहिए, जो कि परीक्षाओं का आयोजन कर सके.
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बताया जा रहा है कि 12वीं के बाद विद्यार्थियों का समय बर्बाद न हो और सभी बोर्ड के विद्यार्थियों के लिए जेईई और नीट के पेपर का स्तर एक हो, इसके लिए परीक्षा समय में बदलाव किया गया है. अभी तक 12वीं में स्टूडेंट्स बोर्ड की तैयारी के साथ नीट और जेईई दे रहे हैं. नए प्रस्ताव के अनुसार अब इन परीक्षाओं में शामिल होने के लिए विद्यार्थियों को 12वीं बोर्ड के साथ एक साल में दो अवसर मिलेंगे. वे दिसंबर में नीट और जेईई देने के बाद बोर्ड परीक्षा ठीक से दे पाएंगे.
बता दें कि पहले जेईई मेंस परीक्षा का आयोजन सीबीएसई की ओर से किया जाता रहा है और जेईई एडवांस का आयोजन कोई एक आईआईटी संस्थान करता है.