
बॉलीवुड के महान कलाकारों में से एक जगदीप ने 8 जुलाई को दुनिया को अलविदा कह दिया. लेकिन फैन्स और परिवारवालों के दिलों में जगदीप आज भी बसे हुए हैं. कुछ दिनों पहले जगदीप के बड़े बेटे जावेद जाफरी ने उनके लिए एक इमोशनल पोस्ट लिखा था और अब छोटे बेटे नावेद ने पिता का एक वीडियो शेयर किया है.
ये वीडियो जगदीप की पहली फिल्म अफसाना का है, जिसे बी आर चोपड़ा ने बनाया था. इस फिल्म में बतौर बाल कलाकार जगदीप ने काम किया था. वीडियो को शेयर करते हुए नावेद ने लिखा- डैड के सफ़र की शुरुआत. फिल्म के सीन में आप छोटे जगदीप को देख सकते हैं.
उर्दू की वजह से बढ़ गई थी फीस
बता दें कि शुरुआती दिनों में जगदीप ने कई छोटे-बड़े काम किए थे. वो बंटवारे के बाद मुंबई के फुटपात पर जीवन बिता रह थे. 10 साल की उम्र में उन्होंने अपना एक्टिंग करियर शुरू किया था. इस बारे में उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था. जगदीप ने बताया था- 'एक दिन अचानक सड़क पर एक आदमी मिला उसने मुझे कहा कि फिल्म में काम करोगे. तो मैंने कहा कि वो क्या काम है, क्योंकि मैंने कभी फिल्में देखी ही नहीं. तो उस आदमी ने कहा कि फिल्म में आपको एक्ट करना है तो मैंने कहा कि कितने पैसे मिलेंगे? उन्होंने कहा कि 3 रुपये. इस पर मैंने उन्हें कहा कि चलो अभी चलो. तो उन्होंने कहा कि मैं कल आऊंगा.'
जगदीप ने आगे बताया- मेरी मां बुर्का पहनती थी. तो वो मेरे साथ गईं. बीआर चोपड़ा की फिल्म थी, उसका नाम था अफसाना. वहां बच्चों का ड्रामा हो रहा था और ऑडियंस में नीचे बैठकर बच्चे ड्रामा देख रहे थे. जो बच्चे ड्रामा देख रहे थे उनमें मैं भी था.
नेटफ्लिक्स का बड़ा धमाका, गुंजन सक्सेना-लूडो समेत 17 नए प्रोजेक्ट्स का ऐलान
उसमें एक डायलॉग उर्दू का आ गया और उर्दू मेरी जुबान थी. वहां कुछ गुजराती और कुछ महाराष्ट्र के लोग थे, उनसे बोलना नहीं हो रहा था. फिर कहा कि कोई उर्दू बोलने वाला है, तो मैंने पड़ोसी बच्चे से पूछा अगर मैं उर्दू बोलूंगा तो क्या होगा, तो उसने कहा कि 3 रुपये के 6 रुपये हो जाएंगे. तो मैंने हाथ उठा दिया. उस वक्त यश चोपड़ा असिस्टेंट डायरेक्टर थे. तो मैंने तुरंत डायलॉग बोलकर सुना दिया. फिर बस वहीं से मेरा फिल्मी सफर शुरू हुआ.'नेटफ्लिक्स पर रिलीज होगी राजकुमार राव की फिल्म लूडो, शेयर किया लुक
इसके बाद जगदीप को फिल्में मिलने शुरू हुई और बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट वे फिल्ममेकर्स की पसंद बन गए. जवानी के दिनों में उनका किरदार सूरमा भोपाली सबसे फेमस हुआ. इसे इतना प्यार मिला कि फैन्स जगदीप का असली नाम भूलकर उन्हें सूरमा भोपाली ही बुलाने लगे.