
रामपुर रियासत के आखिरी नवाब रजा अली खान की संपत्ति के बंटवारे की प्रक्रिया लगातार जारी है. बता दें, रियासती दौर के आखिरी नवाब मरहूम रजा अली खान की संपत्ति का बंटवारा मुस्लिम पर्सनल लॉ, शिया पर्सनल लॉ के हिसाब से सभी वारिसों में किया जाएगा. इसमें नवाब की चल-अचल संपत्ति का मूल्य निर्धारण कर, उसका बंटवारा 16 वारिसों के बीच किया जाएाग.
नवाबों की चल-अचल संपत्ति में बहुत से एंटीक बेशकीमती चीजें शामिल हैं, जिसमें सोना-चांदी जड़ित हथियार पिछले दिनों आर्मरी से निकाले गए थे. इसके अलावा नवाब के महल और अन्य जमीन-जायदाद का मूल्य-निर्धारण किया जा रहा है.
नवाब के महल में एक स्ट्रांग रूम मौजूद है, जिसमें बेशकीमती हीरे, जवाहरात, सोना और चांदी होने का अनुमान लगाया जा रहा है, लेकिन अभी तक वह स्ट्रांग रूम खुल नहीं पाया है.
लंदन की कंपनी ने बनाया था स्ट्रांग रूम
इस स्ट्रांग रूम की भी अपनी ही खासियत है, जिसे लंदन की मशहूर कंपनी चब ने तैयार किया था. कहा जाता है कि इसे आसानी से नहीं खोला जा सकता और कंपनी का दावा था कि बम-ब्लास्ट से भी इस लॉकर को खोला नहीं जा सकता है.
इसकी दीवारें लोहे और अन्य मेटल की बनी हुई है. ऐसे में स्ट्रांग रूम को खोलने में एक्सपर्टस को काफी मशक्कतों का सामना करना पड़ा है. इसे खोलने के पांच-छह प्रयास किए जा चुके हैं लेकिन अभी तक इसे खोला नहीं जा सका है.
नवाब खानदान के वारिस काजिम अली खान ने बताया स्ट्रांग रूम में शाही खजाना रखा जाता था फिलहाल स्ट्रांग रूम एक रहस्य बना हुआ है और यह देखना दिलचस्प होगा कि उसके खुलने पर क्या सामने आता है.
एडवोकेट संदीप सक्सेना ने बताया, 'स्ट्रांग रूम खोलने के पांच-छह प्रयास किए जा चुके हैं. हालांकि स्ट्रांग रूम का लॉक खुला है, लेकिन उसके जाम होने की वजह से उसे खोला नहीं जा सका है.'
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उन्होंने लॉक खुले होने पर आशंका जाहिर करते हुए कहा कि हो-ना-हो किसी ने इसे पहले ही खोल रखा हो. उन्होंने कहा, 'नवाब-खानदान के वारिस मुराद मियां और निखत का भी इस स्ट्रांग रूम पर कब्जा था, लेकिन इस बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता.'
कोर्ट के आदेश पर खोला जा रहा
उन्होंने बताया, स्ट्रांग रूम, मेटल की कई लेयर से बना हुआ है जिसको कटर और अन्य संसाधनों से खोलने का प्रयास जारी है.
नवाब खानदान के वारिस नवाब काजिम अली खान ने स्ट्रांग रूम के बारे में बताते हुए कहा, 'स्ट्रांग रूम में शाही खजाना रहता था, कोर्ट के आदेश पर उसे खोला जा रहा है. देखते हैं क्या निकलता है?'
'लीवर जाम की वजह से नहीं खुल रहा'
उन्होंने बताया, 'इस स्ट्रांग रूम को लंदन की कंपनी चब ने तैयार किया था. उसमें एक-एक फुट की लोहे की दीवारें हैं. चब्स कंपनी, बड़े-बड़े स्विस बैंक में वाल्स तैयार करती है. उन्होंने वही दरवाजा यहां भी फिट किया था. छह दिन हो गए लेकिन उसे काटा भी नहीं जा सका है.'
उन्होंने कहा कि दीवारें एक फुट की होंगी तो क्या छत ईंट की बनी होगी? हम ऊपर भी गए थे, उसमें कोई छेद नहीं हैं. सरिए, क्रिस-क्रॉस करके लगे हुए हैं. इतनी कम जगह के बीच से कोई अंदर नहीं जा सकता. एक डोरी लटकाने से यह साबित नहीं होता कि उसमें चोरी हुई है और अब जो हम स्ट्रांग रूम काट रहे हैं तो उसमें मेटल के कई लेयर्स हैं जो बड़ी मुश्किल से कट रहा है. जो लोहे का लॉकर सिस्टम है, जब वहां कटर पहुंचा तो पता चला कि वह पहले से ही खुला हुआ है, लेकिन दरवाजा जाम है. जब लॉक होता है तो उसके लीवर आपस में मिलते हैं.
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स्ट्रांग रूम की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि 1993 के बाद से ही स्ट्रांग रूम खुला नहीं है या मेरी जानकारी में नहीं है. मैं यहां नहीं था इतने सालों से उसमें ज़ंग लगा हुआ है. लीवर जाम है उस वजह से नहीं खुल रहा है. स्ट्रांग रूम लॉक नहीं है ताला अलग करके रख दिया है, वहीं नवाब ने स्ट्रांग रूम में ही शाही खजाना होने की आशंका जताई है.