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मेहमान करते रहे इंतजार, नवाज ने RSS के इवेंट को 'मंटो' से ज्यादा दी तवज्जो!

सआदत हसन मंटो भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में लोकप्रिय हैं. उन्हें कई पटकथाओं के लेखन के लिए भी जाना जाता है. लेखक के जीवन पर बनी फिल्म को लेकर लोगों में दिलचस्पी है.

संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ नवाजुद्दीन संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ नवाजुद्दीन
अनुज कुमार शुक्ला
  • नई दिल्ली,
  • 18 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 11:49 AM IST

बॉलीवुड अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने अपनी आने वाली फिल्म 'मंटो' के प्रीमियर इवेंट पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यक्रम को तवज्जो दी. दिल्ली में आरएसएस का इवेंट था. सोमवार शाम को मुंबई में मंटो का प्रीमियर रखा गया था. एक ही दिन दोनों कार्यक्रम होने की वजह से नवाज सबसे पहले संघ के कार्यक्रम में पहुंचे. नवाज काफी देर तक संघ के कार्यक्रम में थे. इस दौरान उन्हें संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ बैठे देखा गया.  

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नवाज, संघ के इवेंट में शामिल होने के बाद मुंबई निकल गए. रिपोर्ट्स के मुताबिक आरएसएस के इवेंट में पहुंचने की वजह से नवाज अपनी फिल्म "मंटो" के प्रीमियर पर थोड़ा लेट पहुंचे. कई मेहमान उनका इंतजार ही करते रह गए. बता दें कि मंटों मशहूर लेखक-पत्रकार सआदत हसन मंटो के जीवन पर बनी फिल्म है. इसका निर्देशन नंदिता दास ने किया है. दुनिया के कई फिल्म फेस्टिवल में सराहना पाने के बाद 21 सितंबर को इसे भारत में रिलीज किया जा रहा है. नवाज, एक और बायोपिक में हिंदुत्ववादी नेता बाल ठाकरे की भूमिका निभा रहे हैं.

आरएसएस के इवेंट में शामिल हुए बॉलीवुड के सितारे

दिल्ली में आरएसएस के तीन दिवसीय इवेंट में कई बॉलीवुड सितारे शामिल हुए. नवाज के अलावा अनु मलिक, मनीषा कोइराला, अन्नू कपूर और मधुर भंडारकर जैसे सितारे प्रमुखता से इवेंट में मौजूद थे.

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सितारों का जमावड़ा

मुंबई में मंटो की स्पेशल स्क्रीनिंग में सितारों का जमावड़ा देखा गया. फिल्म की निर्देशक नंदिता दास के साथ रेखा, ईला अरुण, लिलेट दुबे, राहुल बोस और इम्तियाज अली प्रमुखता से नजर आए.

कौन हैं मंटो ?

मंटो उर्दू के लेखक-पत्रकार थे. उनका जन्म 11 मई 1912 को अविभाजित भारत में हुआ था. बू, खोल दो, ठंडा गोश्त और चर्चित टोबा टेक सिंह जैसी कहानियों के लिए मंटो याद किए जाते हैं. कहानियों में अश्लीलता के आरोप की वजह से मंटो को मुकदमे भी झेलने पड़े थे. मंटो काफी दिन मुंबई रहे और पाकिस्तान बनने के बाद वहीं चले गए. मंटो ज्यादा दिन नहीं जिए, 1955 में उनका निधन हो गया.

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