
छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी एक जांच में पाया है कि झारखंड जनमुक्ति परिषद गैरकानूनी और राजद्रोह जैसी गतिविधियों में लिप्त है. इसके बाद इस संगठन पर रोक लगा दी गई है. इस संगठन से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े और जुड़ने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संदेश दिया गया है. पुलिस ने साफ़ किया है कि झारखंड जनमुक्ति परिषद नक्सली विचारधारा के प्रचार-प्रसार से लेकर हथियारों के सौदागर के रूप में काम कर रहा है.
राज्य सरकार ने झारखंड जनमुक्ति परिषद नामक संगठन को छत्तीसगढ़ में एक वर्ष के लिए गैरकानूनी संगठन घोषित कर दिया है. यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ विशेष जन सुरक्षा अधिनियम 2005 के प्रावधानों के तहत की गई है. राज्य सरकार को ऐसी सूचनाएं प्राप्त हुई है कि यह संगठन आग्नेय अस्त्रों, विस्फोटकों और अन्य उपकरण के उपयोग को सक्रीय रूप से प्रोत्साहित कर रहा है.
प्रशासन के कामों में हस्तक्षेप कर रहा है और विधि द्वारा स्थापित संस्थाओं के विरोध को बढ़ावा देते हुए लोक व्यवस्था, शांति में बाधा और नागरिकों की सुरक्षा में खतरा उत्पन्न करते हुए कानून के खिलाफ गतिविधियों में लिप्त है. जो कि राज्य की सुरक्षा के प्रतिकूल है.
इस संगठन की विधि विरुद्ध गतिविधियों के बारे में पुख्ता जानकारी मिलने के बाद राज्य सरकार के लिए ऐसे संगठन को विधि विरुद्ध घोषित करना जरुरी हो गया. गृह विभाग द्वारा इस संगठन को अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से एक वर्ष के लिए गैर क़ानूनी घोषित किया गया है. गृह विभाग की ओर से यह भी कहा गया है कि संबंधित संगठन के पदाधिकारी अगर इस अधिसूचना के विरुद्ध अपील करना चाहे तो वे इस महीने की 29 तारीख तक छत्तीसगढ़ उच्च न्यायलय बिलासपुर में स्थित सलाहकार बोर्ड के कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर बोर्ड के सामने अपना पक्ष रख सकते हैं.
हाल ही में नक्सली वारदातों में पकड़े गए ग्रामीणों और आत्मसमर्पित नक्सलियों ने इस बात का खुलासा किया था कि उन्हें कई घातक हथियार इसी संगठन के जरिये ही मुहैया हुए थे. इस संगठन पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद उसके सदस्यों की धरपकड़ का रास्ता साफ़ हो गया है. हालांकि इस प्रतिबंध को लेकर झारखण्ड जनमुक्ति परिषद की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की गई है.