
बिहार में नक्सलियों द्वारा अगवा किए गए दो रेल कर्मचारियों को सकुशल रिहा करा लिया गया. मंगलवार की रात नक्सलियों ने मसूदन हल्ट से सहायक स्टेशन मास्टर मुकेश कुमार और पोर्टर निरंदान मंडल को अगवा कर लिया था. साथ ही ये धमकी दी थी कि अगर जमालपुर रेलखंड पर रेल का परिचालन हुआ तो इन दोनों अगवा रेल कर्मियों की हत्या कर देंगे. नक्सलियों की इस धमकी की वजह से जो ट्रेन जहां थी वहीं खड़ी रही. बुधवार की शाम इन दोनों अगवा रेलकर्मियों को नक्सलियों ने छोड़ दिया. लखीसराय के एसपी अरविन्द ठाकुर ने बताया कि पुलिस के दबाव की वजह से नक्सलियों को घुटने टेकने पड़े.
बता दें, 19 दिसबंर की आधी रात को नक्सलियों ने लखीसराय जिले के मसूदन हाल्ट पर हमला का रेलवे के कंट्रोल पैनल को आग लगा दी थी. साथ ही सहायक स्टेशन मास्टर मुकेश कुमार और पोर्टर निरंदान मंडल को अगवा कर लिया. बिहार पुलिस के एडीजी हेडक्वार्टर एस के सिंघल ने बताया कि रात में करीब 11.30 बजे नक्सलियों ने मसूदन हाल्ट पर हमला किया था. इसके बाद दोनों रेलवे कर्मचारियों को अगवा कर जंगल की तरफ ले गए.
नक्सलियों ने बिहार और झारखंड में उनके खिलाफ हो रहे ऑपरेशन हंट और पुलिसिया कार्रवाई के खिलाफ 48 घंटे के बंद का ऐलान किया था. ये बंद 19 दिसबंर की आधी रात से शुरू हुआ. सैकडों की संख्या में आए नक्सलियों ने हाल्ट पर हमला कर कंट्रोल पैनल को आग के हवाले कर दिया फिर कर्मचारियों को बंधक बनाकर अपने साथ ले गए. नक्सलियों के दस्ते में महिलाएं भी दिखी थीं.
एस के सिंघल ने बताया कि नक्सलियों के बंद को देखते हुए अलर्ट जारी किया गया था, लेकिन मसूदन हाल्ट छोटा स्टेशन है इसलिए नक्सलियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए इस घटना को अंजाम दिया है.
बिहार का लखीसराय जिला उग्रवाद प्रभावित जिला है और इस जिले में नक्सली घटनाओं को अंजाम देते रहते हैं. अपनी उपस्थिति दर्ज करना के लिए उन्होंने सबसे कमजोर रेलवे पांईट को टारगेट के लिए चुना.