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बस्तर में नक्सलियों ने जमकर मचाया उत्पात, राज्यभर में बेअसर रहा बंद

नक्सली सिर्फ उन्हीं इलाको में घटनाओं को अंजाम दे रहे है जहां सुरक्षा बलों की मौजूदगी दर्ज नहीं हुई है. हालांकि कई इलाकों में नक्सली हमले के मद्देनजर परिवहन सेवाएं ठप हो गयी हैं.

कई इलाकों में की आगजनी कई इलाकों में की आगजनी
सुनील नामदेव
  • रायपुर,
  • 05 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 3:48 PM IST

दो दिन के छत्त्तीसगढ़ और तेलंगाना बंद के आह्वान पर नक्सलियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. बंद के पहले दिन तेलंगाना में हालात सामान्य रहे लेकिन छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलियों ने जमकर उत्पात मचाया. दंतेवाड़ा से विशाखापट्नम की ओर जाने वाली रेलवे ट्रैक पर नक्सलियों ने तोड़फोड़ की, फिश प्लेट निकाले जाने और रेल पटरियों को उखाड़ देने से एक मालगाड़ी के दो इंजन और सात डिब्बे पटरी से उतर गए.

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बीजापुर के भट्टीगुड़ा में नक्सलियों ने 10 वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया. इस घटना को लगभग 70 नक्सलियों ने अंजाम दिया. मोदकपाल के थाना प्रभारी वीरेंद्र सिंह के मुताबिक ये सभी वाहन प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) योजना के तहत सड़कों के निर्माण पर लगे थे.

वाहनों में लगाई आग

बीजापुर के बेदरे इलाके में नक्सलियों ने एक यात्री बस को भी आग के हवाले कर दिया. इस बस में विवाह समाहरोह में शामिल होने के लिए बाराती बैठे थे. नक्सलियों ने बारातियों की एक ना सुनी और बस की डिक्की में रखे सामान समेत बारातियों के सामान को भी फूंक डाला. इसी इलाके से सटे पैकरम इलाके में नक्सलियों ने सीताराम बाकडे नामक एक सहायक आरक्षक की हत्या कर दी, उस पर धारदार हथियारों से हमला किया गया था.  

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उधर कोंडागांव में एक महिला नक्सली पुलिस के हत्थे चढ़ गई. उसका नाम लख्मी कश्यप बताया जा रहा है. पुलिस ने महिला नक्सली से डेटोनेटर, टिफन बम और बैटरी वायर बरामद किया गया है. पुलिस के मुताबिक महिला नक्सली जनमलेशिया और CNMM की मेंबर है. नक्सलियों ने सुकमा और दंतेवाड़ा में जंगल के भीतर बसे कई गांव में पंच-सरपंचो की पिटाई भी की है. उन्होंने ग्रामीणों पर पुलिस की सहायता करने का आरोप भी लगाया साथ ही इलाके की सड़कों पर पेड़ काटकर डाल दिए ताकि आवागमन ठप किया जा सके.

सरकार पर साधा निशाना

राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा है कि प्रदेश में नक्सलियों की उल्टी गिनती शुरू हो गयी है. इसलिए वो यात्री बसों, स्कूलों, हाट बाजारों और ग्रामीणों के घर जाकर हत्याओं को अंजाम दे रहे हैं. केंद्र सरकार की किसान-मजदूर नीतियों के विरोध के चलते नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में दो दिनों का बंद बुलाया है. अपने पर्चों में नक्सलियों ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासियों की जमीन औद्योगिक घरानों को देने के लिए भू राजस्व कानून में संशोधन कर रही है.

नक्सली बंद को कोई ख़ास तबज्जो नहीं मिली है. नक्सली सिर्फ उन्हीं इलाकों में घटनाओ को अंजाम दे रहे है जहां सुरक्षा बलों की मौजूदगी दर्ज नहीं हुई है. हालांकि कई इलाकों में नक्सली हमले के मद्देनजर परिवहन सेवाएं ठप हो गयी हैं. फिलहाल पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवान अपने मोर्चों पर डटे हुए हैं. बावजूद इसके कुछ एक इलाको में नक्सली उत्पात बदस्तूर जारी है. 

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