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नयना गैंगरेप-मर्डर केस: कोर्ट ने तीनों दोषियों को दी सजा-ए-मौत

नयना पुजारी बलात्कार और हत्या मामले में पुणे की अदालत ने अहम फैसला सुनाते हुए तीनों दोषियों को सजा-ए-मौत सुनाई है. पुणे में सॉफ्टवेयर इंजीनियर नयना पुजारी से गैंगरेप करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने उसकी लाश एक जंगल से बरामद की थी. अदालत ने एक दिन पहले ही आरोपियों को दोषी करार दिया था.

कोर्ट ने इस मामले में करीब आठ साल बाद फैसला सुनाया है कोर्ट ने इस मामले में करीब आठ साल बाद फैसला सुनाया है
परवेज़ सागर
  • पुणे,
  • 09 मई 2017,
  • अपडेटेड 7:29 AM IST

नयना पुजारी बलात्कार और हत्या मामले में पुणे की अदालत ने अहम फैसला सुनाते हुए तीनों दोषियों को सजा-ए-मौत सुनाई है. पुणे में सॉफ्टवेयर इंजीनियर नयना पुजारी से गैंगरेप करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने उसकी लाश एक जंगल से बरामद की थी. अदालत ने एक दिन पहले ही आरोपियों को दोषी करार दिया था.

पुणे के जिला एवं सत्र न्यायालय ने करीब आठ साल पुराने रेप और मर्डर के इस मामले में मंगलवार को मुख्य आरोपी योगेश राउत और उसके सहयोगी महेश ठाकुर और विश्वास कदम को सजा सुनाते हुए फांसी पर लटकाने के फरमान जारी कर दिया. सजा सुनाए जाने के वक्त तीनों आरोपी अदालत में मौजूद थे. इससे पहले 8 मई को ही कोर्ट ने तीनों को दोषी करार दिया था.

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बताते चलें कि इस मामले के मुख्य आरोपी योगेश राउत को पुलिस ने इस सनसनीखेज वारदात के तीन साल बाद 2012 में पकड़ने में कामयाबी पाई थी. पकड़े जाने पर उसने पूछताछ में पुलिस को कहा था कि उसे अपने किए पर कोई 'अफसोस' नहीं है. उसने कहा था, 'मुझे रेप करने की आदत हो गई है.'

योगेश राउत की गिरफ्तारी के बाद इस मामले की सुनवाई 19 मई, 2012 को अन्य तीन आरोपियों से अलग कर दी गई थी. इस मामले में कुल मिलाकर चार आरोपी थे. जिनमें से एक आरोपी राजेश चौधरी बाद में सरकारी गवाह बन गया था. बाकि तीनों आरोपियों के खिलाफ 12 जनवरी 2010 को चार्जशीट दाखिल की गई थी.

गौरतलब है कि योगेश राउत और उसके तीन सहयोगियों ने 28 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर नयना पुजारी को अगवा कर लिया था. बाद में 7 अक्तूबर, 2009 को खेड़ में जेरावाडी जंगल में उसकी लाश बरामद हुई थी. पोस्टमार्टम के बाद पता चला था कि उसके साथ बलात्कार हुआ था.

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