
प्रवर्तन निदेशालय (ED) के बाद, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने भी एविएशन घोटाले में पूर्व विमानन मंत्री और एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है. एविएशन घोटाले मामले में प्रफुल्ल पटेल गुरुवार को सीबीआई के सामने पेश हुए.
इंडिया टुडे को इस बात की जानकारी मिली है कि वरिष्ठ एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल को सीबीआई ने 5 अगस्त को जांच में शामिल होने के लिए बुलाया था, लेकिन प्रफुल्ल पटेल ने सीबीआई से कहा कि राज्यसभा सत्र चलने के कारण, वो जांचकर्ताओं के सामने पेश नहीं हो सकते. हालांकि, सूत्रों के मुताबिक प्रफुल्ल पटेल ने केंद्रीय जांच एजेंसी के सामने 8 अगस्त तक पेश होने की बात कही है.
CBI ने कथित एविएशन घोटाले में कॉरपोरेट लॉबिस्ट दीपक तलवार को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. इसी सिलसिले में एविएशन मिनिस्टर प्रफुल्ल पटेल पर हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शिकंजा कसा था.
बुधवार को दीपक तलवार की हिरासत अगले दो दिनों के लिए इस आधार पर बढ़ा दी गई थी कि एजेंसी उसका सामना 'पब्लिक सर्वेंट्स' से कराना चाहती है. दीपक तलवार को इस साल की शुरुआत में भारतीय एजेंसियों द्वारा दुबई से लाया गया था.
ED द्वारा फाईल की गई चार्जशीट में प्रफुल्ल पटेल का भी नाम है जो उस समय संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री थे, जब ये सौदे हुए थे.
जांच एजेंसी के अनुसार, दीपक तलवार अवैध रूप से विदेशी निजी एयरलाइंस को फायदा पहुंचाने के लिए राजनेताओं, मंत्रियों, अन्य लोक सेवकों और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारियों के साथ लाइजनिंग और लॉबिंग में लिप्त था. इससे एयर इंडिया को घाटा हुआ.
एजेंसी ने कहा, 'उसने एयर इंडिया की कीमत पर वर्ष 2008-09 के दौरान इन विमानन कंपनियों के लिए उनकी पसंद के यातायात अधिकार का प्रबंध किया.' एजेंसी के अनुसार, जांच से खुलासा हुआ कि इसके बदले विमानन कंपनियों ने 2008-09 में तलवार को 272 करोड़ रुपये का भुगतान किया.
बयान के अनुसार, 'इन पैसों के कुछ हिस्से को बैंक ऑफ सिंगापुर में एम/एस एशियाफील्ड लिमिटेड नामक कंपनी में जमा करवाया गया, जोकि ब्रिटिश वर्जिन आइसलैंड में पंजीकृत दीपक तलवार के स्वामित्व वाली कंपनी है.'
बयान के अनुसार, 'अपराध के तहत जुटाई गई इस धनराशि को अंतर्राष्ट्रीय राशि हस्तांतरण की श्रृंखला के जरिए जुटाया गया, जिसे अंत में भारत में एम/एस वेव हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमेटेड के रूप में एकीकृत किया गया. यह कंपनी तलवार के बेटे आदित्य तलवार के नाम पर है और इसका नियंत्रण व स्वामित्व तलवार और उसके परिवार के सदस्यों के पास है.'
बयान के अनुसार, 'इन पैसों का तभी नई दिल्ली स्थित एयरोसिटी में हॉलीडे इन के निर्माण में इस्तेमाल किया गया.' बाद में प्रवर्तन निदेशालय ने अस्थायी रूप से 120 करोड़ रुपये मूल्य के हॉलीडे इन होटल को जब्त कर लिया था. जांच से बचने के लिए तलवार 2017 में देश से भाग गया था. उसे 31 जनवरी को दुबई के अधिकारियों ने भारत को सौंपा था . वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है.