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हैदराबाद में छात्र रोहित वेमुला के सुसाइड विवाद पर बीएसपी प्रमुख मायावती ने केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है. गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने जातिवाद के पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. उन्होंने लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को भी आरक्षण के खिलाफ बताया.
लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मायावती ने कहा कि दलित छात्र की आत्महत्या और आरक्षण को लेकर जमकर राजनीति हो रही है. बीएसपी प्रमुख ने आरोप लगाया कि लखनऊ आने के बाद रोहित वेमुला की आत्महत्या पर पीएम मोदी का भावुक होना वोट की राजनीति का हिस्सा था. उन्होंने कहा, 'पीएम मोदी दलित वोटों के लिए भावुक हुए. जब पीएम ने पूरे मामले में कोई कार्रवाई नहीं की तो फिर भावुक होने का क्या मतलब. केंद्र की जातिवादी सोच ने रोहित की जान ली है.
'केंद्र की सोच दलित विरोधी'
मायावती ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि मोदी सरकार जातिवादी है और उसने दलित उत्पीड़न के अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. उन्होंने कहा, 'केंद्र की सोच दलित विरोधी और संकीर्ण है. एक तरफ मोदी जी बाबा साहेब अंबेडकर की बात करते हैं और दूसरी तरफ दलित छात्रों का अपमान किया जा रहा है.' बीएसपी प्रमुख ने आगे कहा कि केंद्र के मंत्री वीके सिंह ने दलितों को लेकर बेहद आपत्तिजनक बयान दिया, लेकिन केंद्र सरकार ने उन पर भी कोई कार्रवाई नहीं की.
उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी आरएसएस की विचारधारा पर चलती है और इसके राज में न सिर्फ दलित, बल्कि मुसलमानों का भी उत्पीड़न किया जा रहा है. इस लेकर लगातार आवाज भी उठाई जा रही है.
बीएसपी प्रमुख ने आगे कहा कि यूपी की समाजवादी पार्टी की सरकार और केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार दोनों दलितों को दबाना चाहती है, लेकिन उनकी पार्टी समाज के हर हिस्से की बराबरी के लिए लड़ती रहेगी. मायावती ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस आरक्षण व्यवस्था में समीक्षा की मांग कर रही है, लेकिन यह बीएसपी का ही दबाव है कि वह ऐसा नहीं कर पा रही है.
'आरएसएस की सोच घातक'
यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री ने आरएसएस और लोकसभा अध्यक्ष पर भी निशाना साधा और कहा कि आरएसएस की सोच घातक और संकीर्ण हैं, वहीं लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन द्वारा आरक्षण को लेकर दिए गए बयान को उन्होंने आरक्षण विरोधी बताया. गौरतलब है कि स्पीकर ने कहा था कि आरक्षण की व्यस्था पर विचार किए जाने की जरूरत है.
मायावती ने कहा कि सरकार ने काशीराम को भारत रत्न दिए जाने की बीएसपी की मांग पर कोई सुनवाई नहीं की. उन्होंने कहा, 'हम तब तक रैली और प्रदर्शन करते रहेंगे, जब तक सरकार इस ओर कोई कार्रवाई नहीं करती.'
'महिलाओं को मिले पूजा का हक'
मायावती ने शनि मंदिर में पूजा पर चल रहे विवाद को लेकर भी बयान दिया. उन्होंने कहा, 'महिलाओं को पूजा का हक मिलना चाहिए. बाबा साहेब अंबेडकर महिलाओं के लिए समान अधिकार का कानून लाना चाहते थे, लेकिन कुछ संकीर्ण मानसिकता के लोगों ने ऐसा नहीं होने दिया.'
गौरतलब है कि गुरुवार को शंकराचार्य स्वरूपानंद ने भी शनि मंदिर विवाद मामले में बयान दिया है. उन्होंने कहा कि शनि ग्रह है न कि कोई भगवान, इसलिए महिलाओं की मांग गलत है.