
उत्तरी नगर निगम और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के बीच मुख्यालय सिविक सेंटर को लेकर लड़ाई अब कानूनी रूप लेने लगी है. ऊपर से बीजेपी की मुसीबत यह है कि दोनों ही नगर निगमों पर उसका कब्जा है लेकिन मुख्यालय को लेकर मची खीचतान में बीजेपी के बीच उहा-पोह की स्थिति है. दरअसल उत्तरी नगर निगम ने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को किराए मुद्दे को लेकर कानूनी कार्रवाई करने की धमकी दे दी है.
पीएस ऑफिस किया सील
इसी मुद्दे को लेकर उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर के पीएस ऑफिस को सील कर दिया था. लेकिन दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने सील को तोड़ दिया था. इसके बाद मामला बहुत ज्यादा बढ़ चुका है. अब एफआईआर कराने की तैयारी भी की जा रही है. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी बीच का रास्ता निकालने की कोशिश में है. लेकिन उत्तरी नगर निगम ने भी कानूनी कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है.
सिविक सेंटर में दोनों निगमों का मुख्यालय
दरअसल, सिविक सेंटर में उत्तरी दिल्ली नगर निगम और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम का मुख्यालय है, लेकिन उत्तरी दिल्ली नगर निगम इसे अपना हिस्सा बताती है. वही, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम इसमें किराएदार है. इसी मुद्दे को लेकर उत्तरी नगर निगम ने नोटिस जारी किया था कि किराए के रूप में दक्षिणी नगर निगम उन्हें पैसा दे. नोटिस में साफ ये कहा गया था कि अगर सात दिनों के अंदर किराए का पैसा नहीं दिया गया तो उनके ऑफिस को सील कर दिया जाएगा. इसकी शुरुआत कमिश्नर ऑफिस से होगी.
810 करोड़ रुपये किराया
उत्तरी नगर निगम के मुताबिक, दक्षिणी दिल्ली ने जब से यहां उनके दफ्तर बने हैं तब से एक रुपये भी नहीं दिया है. साल 2012 से लेकर 2016 तक कुल 810 करोड़ रुपये किराया बनता है. लेकिन कई बार नोटिस देने के बाद भी दक्षिणी दिल्ली नगर निगम इस मामले से पल्ला झाड़ते नजर आया है. एमसीडी के विभाजन के बाद सिविक सेंटर का 40 फीसदी हिस्सा दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को 40 फीसदी हिस्सा उत्तरी दिल्ली को और 20 फीसदी हिस्सा पूर्वी दिल्ली नगर निगम को मिला. जबकि पूर्वी दिल्ली नगर निगम को जो मुख्यालय दिया गया है, जो दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने दिया है. इस हिसाब से दक्षिणी दिल्ली के पास 60 फीसदी हिस्सा है, लिहाजा किराएदार तो उत्तरी दिल्ली है.