
असम के छह जिलों में आई बाढ़ से करीब एक लाख लोग प्रभावित हो गए हैं. प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकार ने इसकी सूचना दी. प्राधिकार ने बताया कि अभी तक बाढ़ से 1,018 हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में फसलों को नुकसान पहुंचा है. बुर्हिदीहिंग और देसांग नागलामुरगा नदियां शिवसागर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ सेना ने संभाली कमान
जानकारी के मुताबिक असम के लखीमपुर, जोरहट, शिवसागर और चराईदेव जिलों में बाढ़ से करीब एक लाख लोग प्रभावित हुए हैं. सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को खोज और
बचाव अभियान के लिए चराईदेव जिले में तैनात किया गया है.
प्रदेश सचिव ने बुलाई आपातकालीन बैठक
प्रदेश के मुख्य सचिव वी. के. पिपरसेनिया ने सोमवार को बाढ़ समीक्षा के लिए आपात बैठक बुलाई. बैठक में विभिन्न विभागों के प्रमुखों ने हिस्सा लिया. बाढ़ प्रभावित जिलों के उपायुक्त भी
वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से इससे जुड़े और हालात की जानकारी दी.
बेपटरी हुई पूर्वोत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस
रविवार की देर रात नई दिल्ली-सिलचर पूर्वोत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस लुम्डिंग के पास भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से पटरी से उतर गई. पूर्वोत्तर फ्रंटियर रेलवे के प्रवक्ता ने बताया कि
क्षेत्र में भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ और पूरे ट्रैक पर मलबा गिर गया. उन्होंने कहा कि हादसे में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है. सुबह ट्रैक साफ होने के बाद ट्रेन आगे रवाना
हो सकी.
बाढ़ में बहे आठ मजदूर
अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के कारण कछार जिले में जतिंगा नदी में आई बाढ़ में सोमवार को कम से कम आठ मजदूर बह गए. वे अभी तक लापता हैं और उनकी तलाश चल रही
है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार के आपातकालीन सेल के अधिकारी ने बताया कि मजदूर जतिंगा नदी से पत्थर निकाल रहे थे. उसकी दौरान अचानक बाढ़ आ गई.
बंदरखाल इलाके में हुआ हादसा
उन्होंने कहा कि सिलचर के बंदरखाल इलाके में सोमवार की सुबह यह हादसा हुआ. सुदूरवर्ती इलाका होने और वहां तक पहुंचना मुश्किल होने के कारण आसानी से सही जानकारी नहीं मिल पा
रही है. हमें सिर्फ इतनी सूचना मिली है कि आठ लोग बह गए हैं. उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने आपदा विभाग की टीम को काम पर लगाया है ताकि शवों को खोजकर उन्हें बरामद किया
जा सके.
अंधेरा होने की वजह से रुका तलाश अभियान
अधिकारी ने कहा कि तलाश अभियान में अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है. यह विश्वास के साथ नहीं कहा जा सकता कि वे मजदूर जीवित हैं या नहीं. रात होने के कारण बचाव कार्य रोक
दिया गया है और अब उसे मंगलवार की सुबह फिर से शुरू किया जाएगा.