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नेता जी ने आशीर्वाद दे दिया, अब चाचा भी दे दें‌‌: अखिलेश यादव

नेता जी ने आशीर्वाद दे दिया, अब चाचा भी दे दें‌‌: अखिलेश यादव

मनीष अग्निनत्री मनीष अग्निनत्री
आशीष मिश्र
  • ,
  • 09 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 7:44 PM IST

आगरा में समाजवादी पार्टी (सपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के एक दिन पहले पार्टी 3 अक्तूबर को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने पैतृक गांव सैफई में थे. पार्टी नेताओं के साथ देर रात तक बैठक और उसके बाद होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन की तैयारियों में व्यस्त अखिलेश यादव ने असिस्टेंट एडिटर आशीष मिश्र से बातचीत में परिवार और पार्टी से जुड़े मुद्ïदों पर अपनी राय साझा की.

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-आप पांच वर्ष के लिए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने जा रहे हैं, आगे का क्या रोडमैप होगा?

समाजवादी पार्टी नेता जी (मुलायम सिंह यादव), लोहिया जी, जय प्रकाश नारायण जी के जिन सिद्धांतों पर चली उन्हीं पर आगे बढ़ेगी. बीजेपी का नारा ‘सबका साथ-सबका विकास’ क्या है? असल में यह समाजवाद का ही सिद्धांत है. बीजेपी ने तो हमारा सिद्धांत भी चोरी कर लिया.

-अखिलेश की समाजवादी पार्टी मुलायम सिंह यादव के समय की पार्टी से कैसे अलग होगी?

नेता जी और हमारी पार्टी की बात करना गलत है. समाजवादी पार्टी सबकी है, कार्यकर्ताओं की है.

-नेता जी लगातार आपसे असंतुष्ट चल रहे हैं. आप पर धोखा देने का आरोप लगाया है?

हां, कुछ बातें हैं. मान लीजिए मैं एक्सप्रेसवे बनाना चाहता हूं, मेट्रो बनाना चाहता हूं लेकिन हो सकता है कि पार्टी में दूसरे लोगों की दूसरी सोच हो. राजनीतिक रूप से भिन्नता हो सकती है, मुद्दों पर भिन्नता हो सकती है लेकिन कोई यह कहे कि परिवार में झगड़ा है ऐसा सही नहीं है. नेता जी का सम्मान जो पार्टी और घर में है वह बना रहेगा.

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-क्या ऐसी संभावनाएं हैं कि मुलायम सिंह परिवार के सभी सदस्य एक बार फिर एक साथ दिखेंगे?

त्योहार पर देखियेगा परिवार के सभी सदस्य एक साथ एक छत के नीचे दिखेंगे, पार्टी में भी ऐसा होगा इसे अभी कह पाना मुश्किल है.

-क्या आपके परिवार में चल रहा विवाद विधानसभा चुनाव में हार का एक कारण था?

यह मुद्दा अब समाप्त हो गया है. हम पीछे मुडक़र नहीं देखते.

-परिवार में झगड़े का नकारात्मक असर अगले लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा?

नेता जी ने हमें आशीर्वाद दिया है इससे सब चीजें ठीक हो जाएंगी.

-चाचा शिवपाल यादव का आशीर्वाद कब मिलेगा?

चाचा भी आशीर्वाद दे दें पांच तारीख (आगरा में सपा का राष्ट्रीय अधिवेशन) के बाद. मेरा तो काम ही है मांगना. कभी-कभी राजनीति में नए लोगों को आने देना चाहिए तभी रास्ता निकलता है. 

-मुलायम सिंह जी का राजनीति में आप क्या भविष्य देखते हैं? 

नेताजी हमारे संरक्षक, मार्गदर्शक हैं. 

क्या वे अगले चुनाव में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे?

उत्तर प्रदेश की जनता और देश की जनता चाहेगी तो क्यों संभव नहीं है.

-आपके चाचा शिवपाल यादव का सपा में क्या भविष्य है?

ये आप उनसे पूछो मैं तो नहीं बता सकता.

-नेता जी के छोटे भाई अभय राम यादव सपा में झगड़े की जड़ राम गोपाल यादव को बता रहे हैं? 

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उनको बहुत सी बातें नहीं पता हैं इसलिए वे ऐसा कह रहे हैं. रामगोपाल जी पार्टी का काम कर रहे हैं.

-आप पर पार्टी तोडऩे और उसे कमजोर करने का आरोप लग रहा है?

मैं तो लोगों को जोड़ रहा हूं. और दल के लोग मेरी पार्टी में आ  रहे हैं. बहुजन समाज पार्टी के बड़े नेता इंद्रजीत सरोज सपा में शामिल हुए हैं. इनके साथ बड़ी टीम आई है जिसमें वे साथी हैं जिन्होंने पिछला चुनाव लड़ा था. सामने बीजेपी का पहाड़ है, इससे ऊंचा उनका झूठ का पहाड़ है. लोगों को जोडऩे से ही पार्टी बड़ी बनेगी और हम इस पहाड़ पर चढ़ पाएंगे.

-आपके नेतृत्व में सपा जातिगत संतुलन को साधने में कमजोर साबित हुई है?

हम एक बात मानते हैं जाति, धर्म, जाति के अंदर जाति, यह हमारा समाज है. भारत ऐसे ही बना है लेकिन ऐसी राजनीति से तरक्की खुशहाली नहीं है. कम से कम बीजेपी के लोगों को यह बताना पड़ेगा कि उन्होंने जनता के विकास के लिए कितना काम किया है.

-सपा में अनुभवहीन युवा नेता हावी हो गए हैं इससे मुलायम सिंह के करीबी पुराने नेता उपेक्षित महसूस कर रहे हैं?

आजम खान साहब, किरणमय नंदा, माता प्रसाद पांडेय समेत सपा के सभी पुराने नेता हमारे साथ हैं. किस दल के पास ऐसे अनुभवी और युवा नेताओं की टीम होगी.

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-आपने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में कई विकास योजनाएं शुरू की लेकिन बाजी बीजेपी मार ले गई?

बीजेपी ने अफवाह फैलाकर वोट लिया. मैंने अपने कार्यकर्ताओं से कहा है कि इनके ‘ओपियम’ (अफीम) से बचकर रहना. जैसे चुनाव आएगा यह कोई ऐसी बात कह देंगे जिससे जनता बहक जाएगी, उनके साथ चल देगी.

-इस ‘ओपियम’ से आप कैसे निबटेंगे?

दशहरे पर प्रधानमंत्री जी ने दिल्ली के रामलीला मैदान पर तीर चलाया. लोगों को लगा कि इस तीर से रावण मारा जाएगा. वह धनुष और तीर ही टूट गया. पिछले वर्ष लखनऊ की रामलीला में भी तीर नहीं चला था. हम कहते हैं नोटबंदी, जीएसटी का तीर कहां गया, किसको लगा बताओ? मतलब चीज निशाने पर जा ही नहीं रही है. नौजवान रोजगार याद कर रहे हैं. कर्ज माफी में किसानों के साथ धोखा हुआ है.

-आपकी सरकार की कई योजनाएं जांच के घेरे में हैं?

असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ऐसी चीजें की जा रही हैं. जिस व्यञ्चित ने गुजरात का साबरमती रिवर फ्रंट बनाया था उसी ने गोमती रिवर फ्रंट भी बनाया. आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे केवल यूपी ही नहीं पूरे देश के विकास की नींव बनेगा. प्रधानमंत्री जी अब इस तरह का एक्सप्रेसवे नहीं बना सकते हैं. हां, मुख्यमंत्री जी के पास समय है. मुझे अच्छा लगा कि मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हम इस एक्सप्रेसवे से वाराणसी और अयोध्या भी जोड़ेंगे. मैं कहता हूं कि इससे गोरखपुर भी जोड़ लो लेकिन बनाओ तो सही. लेकिन इनका ध्यान कहीं और है. अब ऐसा एक्सप्रेसवे प्रदेश में दूसरा नहीं बन पाएगा. लगता है कि समाजवादियों को ही वापस सत्ता में आकर इसे बनाना पड़ेगा.

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-सपा सरकार में अपात्रों को यश भारती सम्मान देने का आरोप है?

ये आरोप निराधार हैं. हमने तो आइएएस अधिकारी अवनीश अवस्थी की पत्नी को भी यशभारती सम्मान दिया है. हमने कुछ तो अच्छा काम किया होगा.

-आपकी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं?

सोफे पर बैठकर, माइक के सामने भ्रष्टाचार की बात कहना बड़ा अच्छा लगता है. मुख्यमंत्री ने अभी बनारस में कहा कि यूपी-100 में भ्रष्टाचार है. अगर नहीं रुका तो मैं इसे बंद कर दूंगा. मैं उनसे पूछता हूं कि क्या पुलिस में भ्रष्टाचार रुक गया है. मुख्यमंत्री जी को मेरा एक सुझाव है कि वे तीन महत्वपूर्ण विभाग, जो उनके पास नहीं हैं, में हुए तबादलों को उलट-पलट दें, अभी पता लग जाएगा कि भ्रष्टाचार कौन कर रहा है? मंत्रियों को बजट नहीं दिया गया है. इनके पास कोई काम नहीं है तो वे तबादले तो करेंगे ही. अब तो आपको काम करना है जनता ने तो हमें हटा दिया है.

-अवैध खनन की सीबीआइ जांच चल रही है?

क्या बीजेपी सरकार में यह रुक गया है. बांदा में तो इनके विधायक ने ही धरना दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा था कि ओवरलोडिंग नहीं होने देंगे जबकि यह पूरे प्रदेश में जमकर हो रही है. जहां नदी का किनारा अच्छा है वहां ओवरलोडिंग चल रही है.

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-आपकी नजर में पहले छह महीनों में भाजपा सरकार ने क्या अच्छा काम किया?

यही मुख्यमंत्री रहें और यही सरकार चलती रहे, हमारे लिए तो यही अच्छा है.

-आपने कहा है कि आपकी पत्नी और कन्नौज से सांसद डिंपल यादव अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी, क्यों?

भाजपा को परिवारवाद की बड़ी चिंता है. मैं सोचता था कि मैं डिंपल के चुनाव न लडऩे की बात कहूंगा तो भाजपा वाले भी परिवारवाद पर कुछ बोलेंगे. इनके यहां भी परिवार वाले खूब चुनाव लड़ते हैं. भाजपा ने कुछ नहीं बोला मतलब यह भी परिवारवाद के पक्षधर हैं.

-क्या आप अगला लोकसभा चुनाव लड़ेंगे?

हां, मैं अगला  लोकसभा चुनाव लड़ूंगा. किस जगह से लड़ूंगा यह बाद में तय होगा लेकिन इतना निश्चित है कि मैं चुनाव लड़ूंगा.

-अगले लोकसभा चुनाव पहली बार राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में आपके नेतृत्व में सपा चुनाव लड़ेगी. कैसी संभावनाएं देखते हैं? 

इस वक्त कई संकेत मिल रहे हैं. व्यापारियों, किसानों, अफसरों, जवानों सभी के लिए नकारात्मक माहौल बना हुआ है. अल्पसंख्यकों की आप उपेक्षा नहीं कर सकते हैं. युवा सरकार से असंतुष्ट है. दुखी जनता समाजवादियों को याद कर रही है.

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