Advertisement

दिन में 4 घंटे सोते थे, जुड़वा भाईयों ने बिना कोच‍िंग कैसे पहले ही अटेम्प में निकाला NEET, जानें

रोहतक के जुड़वा भाईयों ने पहले अटेम्प में निकाला NEET, करेंगे एक ही कॉलेज में पढ़ाई, जानिये NEET में सफल होने के लिए क्या रणनीति बनाई थी दोनों भाईयों ने.

Harshit and Jatin (Photo- HT) Harshit and Jatin (Photo- HT)
वंदना भारती
  • नई दिल्ली,
  • 27 जून 2017,
  • अपडेटेड 3:02 PM IST

हर्ष‍ित मलिक और उनके भाई जतिन मलिक ने पहली ही बार में national eligibility-cum-entrance exam (NEET) निकाल लिया है. दोनों जुड़वा भाई हैं और दोनों की उम्र 17 साल है.

HT में प्रकाशि‍त रिपोर्ट के अनुसार हर्ष‍ित ने जहां 115वां स्थान हासिल किया है, वहीं जतिन को 192वां रैंक मिला है. Scholars Rosary School में पढ़ाई करने वाले इन दोनों भाईयों ने काई अतिरिक्त ट्यूशन नहीं लिया और तैयारी में एक दूसरे का सपोर्ट किया.

Advertisement

हर्ष‍ित ने कहा कि हम दोनों हमेशा साथ में पढ़ाई करते हैं और दोनों ने नीट के लिए बराबर मेहनत की है. यही वजह है कि 12वीं में दोनों ने करीब-करीब बराबर अंक ही हासिल किए हैं. हर्ष‍ित को जहां 93% मिला है, वहीं जतिन को 92% अंक मिले हैं.

NEET 2017: टॉपर नवदीप ने कहा- 17 घंटे पढ़ा, सोशल मीडिया से रहा दूर

हर्ष‍ित और जतिन रोजाना स्कूल से आने के बाद 4 घंटे सोते और रात में पढ़ाई करते. एक साथ प्रोब्लम्स सॉल्व करने में एक दूसरे की मदद करते. अगर एक नींद आती तो दूसरा उसे उठा देता था. अगर एक ने आस छोड़ दी तो दूसरा उसे मोरल सपोर्ट देता था.

स्ट्रेस कम करने के लिए टीवी की मदद
दोनों भाईयों ने बताया कि तनाव कम करने में टीवी के प्रोग्राम्स ने उनकी सबसे ज्यादा मदद की. पिछले दो साल के दौरान उन्होंने कई टीवी प्रोग्राम्स देख डाले. जतिन ने कहा कि खासतौर से हम रात का खाना खाने के दौरान टीवी जरूर देखते थे. फ्रेंड्स, ब्रेकिंक बैड, शेरलॉक आदि देखने के बाद तनाव से आराम मिलता था.

Advertisement

NEET 2017: रिजल्‍ट घोषित, पंजाब के नवदीप सिंह ने किया टॉप

ये है दोनों का सक्सेस मंत्रा
हर्ष‍ित ने कहा कि हमने किसी कोचिंग की मदद नहीं ली. हर दिन स्कूल में पढ़ाए गए पाठ को घर आकर रिवाइज करना महत्वपूर्ण है. इसके अलावा स्कूल जाते हुए हर दिन 6 घंटे सेल्फ स्टडी किया और वीकएंड्स पर 10 घंटे सेल्फ स्टडी किया. हर्ष‍ित ने कहा कि किसी परीक्षा में सफल होने के लिए सेल्फ स्टडी करना किसी भी कोचिंग से ज्यादा अहम है.

क्या हैं फ्यूचर प्लानिंग
दोनों भाईयों ने कहा कि हम एक दूसरे के बगैर पढ़ाई नहीं कर सकते. इसलिए इस पर कोई सवाल ही नहीं उठता कि हम दोनों अलग-अलग कॉलेजों में एडमिशन लेंगे. दोनों भाईयों का दिल्ली के Vardhman Mahavir Medical College (VMMC) में एडमिशन हुआ है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement