
बिहार में शऱाबबंदी के बाद भी शराब से संबंधित अपराधों में कमी नहीं हो रही है. हालांकि पुलिस तेजी से इसपर कार्रवाई कर रही है. लेकिन बावजूद इसके शऱाब की तस्करी को लेकर मामले बढ़ते जा रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी के बावजूद बढ़ रहे अपराधों की संख्या पर चिन्ता जताते हुए त्वरित कार्रवाई का आदेश दिया है.
पुलिस विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में दिए गए आंकड़ों के मुताबिक 2017 में शराबबंदी के केस में तीन गुणा वृद्धि हुई है. लेकिन अवैध शराब के कारोबार में लिप्त लोगों की गिरफ्तारी का आंकड़ा पिछले साल से चार गुणा अधिक है.
देशी एवं विदेशी शराब की बरामदगी में कई गुणा वृद्धि हुई है. सबसे ज्यादा अवैध शराब की बरामदगी मुजफ्फपुर में हुई. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने थाने में जब्त किए गए शराब और इससे संबंधित चीजों को नष्ट करने में तेजी लाने का निर्देश भी दिया.
आप को बता दें कि अवैध शराब के कारोबार में लिप्त व्यक्तियों की पहचान के लिए पुलिस विभाग ने चार श्रेणी बनायी है. प्रथम श्रेणी आपूर्तिकर्ता गिरोह है, दूसरी श्रेणी भंडारण गिरोह है, तीसरी श्रेणी में वितरणकर्ता गिरोह है, जबकि चौथी श्रेणी में लोकल रिसीवर गिरोह है.
पुलिस विभाग इन सभी लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई कर रही है. बिहार में बाहर से आने वाले अवैध शराब की जानकारी दी गई, उसमें मुख्य रूप से हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, बंगाल, नॉर्थ-ईस्ट एवं उत्तरी सीमा से सटे नेपाल भी शामिल हैं.
अफीम की अवैध खेती के बारे में बताया गया है कि यह गया, जमुई, नवादा के जंगलों में ज्यादा होता है, खासकर झारखंड बॉर्डर एरिया और नक्सल प्रभावित इलाकों में. जो अफीम पकड़े जाते हैं उन्हें जला दिया जाता है.
आई.जी. शराब निषेध के पदस्थापन के बाद यह सुझाव आया कि 24X7 चेकपोस्ट लगाने की जरूरत है. शराब से लदे वाहनों की चेकिंग के लिए आधुनिक उपकरणों के इस्तेमाल के बारे में जोर दिया गया. टेट्रा पैकिंग के माध्यम से आ रही आपूर्ति को रोकने के बारे में कहा गया कि यह आसान है क्योंकि यह सीमित जगहों पर होता है, जो आसानी से पकड़ में आ जाएगा.
आर्मी वालों को शराब आपूर्ति के लिए रामगढ़ से दानापुर (पटना) का सिंगल रूट है, जिसमें उसके लिए आर्मी का डिजिटल लॉक, स्कॉर्ट जरूरी है. अगर आर्मी के नाम पर दूसरा कोई भी इस तरह का कार्य करता है और इस रूट के अलावा दूसरे किसी रुट पर सप्लाई करता है तो उसे आसानी से पकड़ा जाता है.
बैठक में मेजर रोड पर CCTV कैमरा, ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडिंग लगाने के संबंध में भी चर्चा हुई. मुख्यमंत्री ने निर्देष दिया कि जिन मुख्य सड़कों पर यह जरूरी है, उसका विष्लेषण करके इसे लगवाया जाए. यह शराब निषेध के साथ-साथ अपराध नियंत्रण में भी उपयोगी साबित होगा.
नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि प्रत्येक गांवों में ट्रांसफार्मर वाले खंभे पर पुलिस और शराब निषेध एवं उत्पाद विभाग का नंबर अंकित कराया जाए. इसमें शिकायतकर्ता के नाम का खुलासा नहीं होगा. शिकायतकर्ता के फोन आने पर तुरंत कार्रवाई हो, शिकायतकर्ता के फोन आने पर कार्रवाई करने का रेस्पांस टाइम निर्धारित हो.
सूचना तंत्र में चौकीदार को भी शामिल किया जाए और चौकीदार को भी उत्तरदाई बनाया जाए. नीतीश कुमार ने कहा कि अवैध रूप से शराब के कारोबार करने वालों में फ्रंट की गिरफ्तारी तो हो जाती है, किंग नहीं पकड़े जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जनमत आपके पक्ष में है,
इस अवैध व्यवसाय में संलिप्त बड़े आपूर्तिकर्ताओं एवं माफियों को चिह्नित कर पकड़ना होगा और उनके सारे सिस्टम को ध्वस्त करना होगा. अगर दस-बीस आपूर्तिकर्ता पकड़े गये तो यह अवैध धंधा स्वतः ध्वस्त हो जाएगा. उन्होंने कहा कि यह सामाजिक सुधार का मुख्य बिन्दू है. नीतीश कुमार ने आगे कहा कि शराबबंदी के पूर्व लोग शराब पीकर अपनी सारी कमाई उड़ा देते थे, आज वही पैसा दूसरे काम में लग रहा है, इससे ग्रोथ रेट भी बढ़ेगा.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य में शराब निषेध कार्यक्रम को और अधिक प्रभावी बनाने हेतु पुलिस महानिरीक्षक शराब निषेध बिहार, पटना के कार्यालय को आवश्यक मानव एवं भौतिक संसाधनों से लैस किया जाय.
पुलिस महानिरीक्षक शराब निषेध बिहार, पटना को आसूचना संकलन, संग्रहण एवं फीडबैक आदि संबंधित व्यवस्था के लिये आई.टी. विभाग द्वारा आधारभूत संरचना का निर्माण सुनिश्चित हो. नीतीश कुमार ने निर्देष दिया कि अवैध शराब के व्यवसाय में संलिप्त लोगों, असामाजिक तत्वों एवं अपराधियों के विरूद्ध अनुसंधान, गिरफ्तारी, आरोप पत्र, विचारण की कार्रवाई त्वरित ढंग से कराना सुनिश्चित किया जाए एवं उनके द्वारा इस प्रकार के व्यवसाय से अर्जित संपति का अधिहरण/राज्यसात किया जाए.
नीतीश कुमार यह भी निर्देष दिया कि उत्पाद विभाग द्वारा अनुसंधानित कांडों का पुलिस महानिरीक्षक शराब निषेध द्वारा सघन अनुश्रवण किया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग, राजमार्ग एवं जिला की मुख्य सड़कों पर अपराध नियंत्रण एवं शराब लदे वाहनों पर नियंत्रण स्थापित करने हेतु CCTV का अधिष्ठापन एवं अन्य आवश्यक तकनीक की व्यवस्था की जाए.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि शराब निषेध को प्रभावी ढ़ंग से लागू करने में लापरवाही बरतने वाले एवं संलिप्तता रखने वाले पुलिसकर्मियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाए.