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हिंसा के बीच जारी हुआ नेपाल का नया संविधान

नेपाल के लिए रविवार का दिन ऐतिहासिक रहा. बरसों की राजनीतिक उथल-पुथल और हिंसक संघर्षों के बाद आखिरकार रविवार को नया संविधान जारी हो गया. लेकिन हिंसा भी जारी रही. काठमांडू की सड़कों पर सेना के मार्च के बीच संसद भवन में राष्ट्रपति रामबरन यादव ने नया संविधान जारी होने का ऐलान किया.

aajtak.in
  • काठमांडू,
  • 20 सितंबर 2015,
  • अपडेटेड 7:21 PM IST

नेपाल के लिए रविवार का दिन ऐतिहासिक रहा. बरसों की राजनीतिक उथल-पुथल और हिंसक संघर्षों के बाद आखिरकार रविवार को नया संविधान जारी हो गया. लेकिन हिंसा भी जारी रही. काठमांडू की सड़कों पर सेना के मार्च के बीच संसद भवन में राष्ट्रपति रामबरन यादव ने नया संविधान जारी होने का ऐलान किया.

विरोध में कई जगह झड़प
नए संविधान के विरोध में देश के दक्षिणी हिस्से में कई जगहों पर हिंसा हुई. भारतीय सीमा से सटे शहरों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों में एक व्यक्ति की मौत हो गई. दर्जनों घायल हो गए.

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भारत ने कहा, बातचीत से सुलझाएं मतभेद
भारत के राजदूत रंजीत राय ने नेपाल के पीएम सुशील कोइराला से बात की है. उन्होंने कोइराला से कहा कि भारत ने नए संविधान निर्माण की प्रक्रिया में संघीय और लोकतांत्रिक संविधान का समर्थन किया है. कोई मतभेद है तो बातचीत से सुलझाएं.

17 को हुआ था संसद से पारित
नए संविधान को संसद से 17 सितंबर को पारित किया गया था. संविधान सभा के अध्यक्ष सुभाष नेमवांग ने 601 सीटों वाली सभा में 507-25 के अंतर से संविधान को पारित करने की घोषणा की.

एक महीने से हड़ताल
नेपाल में जारी हुए नए संविधान के विरोध में पिछले एक महीने से हड़ताल जारी है. संविधान विरोधी प्रदर्शन में अब तक 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.

ये गुट हैं विरोध में
मधेशी, थारू, नेपाल को हिंदू राष्ट्र बनाने के समर्थक और यूनाइटेड कम्युनिस्ट पार्टी नेपाल (माओवादी) से अलग हुआ गुट नए संविधान का विरोध कर रहे हैं. इसी के मद्देनजर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए.

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