Advertisement

नेपाल की संसद ने विवादित नक्शे को दी मंजूरी, भारत के तीन इलाकों को अपना दिखाया

नए नक्शे में भारत के तीनों हिस्से कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को शामिल किया गया है. भारत नेपाल के नए नक्शे का विरोध करता रहा है, लेकिन इसके बावजूद नेपाली संसद से इसको मंजूरी मिल गई है.

नेपाली संसद (फोटो- na.parliament.gov.np/np) नेपाली संसद (फोटो- na.parliament.gov.np/np)
गीता मोहन
  • नई दिल्ली,
  • 13 जून 2020,
  • अपडेटेड 9:35 PM IST

  • विवादित नक्शे में संशोधन का प्रस्ताव पास
  • संसद में बिल के पक्ष में 258 वोट पड़े

नेपाल की संसद में विवादित नक्शे में संशोधन का प्रस्ताव पास हो गया है. नए नक्शे में भारत के तीनों हिस्से कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को शामिल किया गया है. 275 सदस्यों वाली नेपाली संसद में इस विवादित बिल के पक्ष में 258 वोट पड़े.

बता दें कि भारत और नेपाल में सीमा विवाद के कारण रिश्ते तनावपूर्ण चल रहे हैं. 8 मई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लिपुलेख से धाराचूला तक बनाई गई सड़क का उद्घाटन किया था. इसके बाद नेपाल ने लिपुलेख को अपना हिस्सा बताते हुए विरोध किया था. 18 मई को नेपाल ने नया नक्शा जारी किया. इसमें भारत के तीन इलाके लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी को अपना हिस्सा बताया.

Advertisement

नेपाल कैबिनेट की बैठक में भूमि संसाधन मंत्रालय ने नेपाल का यह संशोधित नक्शा जारी किया था. बैठक में मौजूद कैबिनेट सदस्यों ने समर्थन किया था.

ये भी पढ़ें- नेपाल की महिला सांसद के घर पर हमला, सरकार के नक्शा प्रस्ताव का संसद में किया था विरोध

18 मई को जारी किया था नया नक्शा

नेपाल ने 18 मई को एक नया नक्शा जारी किया था, जिसमें भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को अपना हिस्सा बताया था. इस कदम से भारत और नेपाल की दोस्ती में दरार आनी शुरू हो गई. भारत ने लगातार इसका कड़ा विरोध किया लेकिन नेपाल अब इस नक्शे पर अड़ गया है.

ये भी पढ़ें- नेपाल के 'नक्शे' बाजी की निकली हवा, ठोस सबूत के बिना ही किया था दावा

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारत पर अवैध कब्ज़े का आरोप लगाया. साथ ही दावा किया कि वो अपनी ज़मीन वापस लेकर रहेंगे. 11 जून को नेपाल की कैबिनेट ने 9 लोगों की एक कमिटी का गठन किया है. जिस ज़मीन पर नेपाल इतने दिनों से दावा कर रहा है और भारत के साथ विवाद खड़ा कर रहा है. उस ज़मीन पर अपने अधिकार का नेपाल के पास कोई प्रमाण ही नहीं है.

Advertisement

सांसद ने किया था विरोध

इस बिल के खिलाफ नेपाल में जनता समाजवादी पार्टी की सांसद सरिता गिरी विरोध दर्ज करा चुकी हैं. उन्होंने संशोधन बिल को वापस लेने और पुराने नक्शे को बहाल करने की मांग की थी.

सरिता गिरी ने पहले वाले नक्शे को बहाल करने के लिए बिल में संशोधन करने के लिए प्रस्ताव दिया था जिसे स्पीकर अग्नि प्रसाद सपकोटा ने अनुच्छेद 112 के तहत संशोधन को अस्वीकार कर दिया. अनुच्छेद 112 स्पीकर को संशोधन को अस्वीकार करने की शक्ति देता है. बाद में सांसद सरिता गिरि के घर पर भी हमला हुआ. उनके घर पर काला झंडा लगाकार देश छोड़ने की चेतावनी दी गई.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement