Advertisement

अपने ही देश में घिरे PM ओली, अयोध्या पर बयान से भड़का नेपाली संत समाज

संतों ने जनकपुर में पीएम के बयान का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में शामिल साधु-संत, धार्मिक संगठन और आम नागरिकों की मांग थी कि पीएम ओली अपना बयान वापस लें.

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (फाइल फोटोः ट्विटर) नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (फाइल फोटोः ट्विटर)
सुजीत झा
  • पटना,
  • 18 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 10:00 PM IST

  • साधु-संतों ने की बयान वापस लेने की मांग
  • कहा- हिंदुओं की आस्था पर चोट ना करें

भारत के साथ सदियों पुराने रोटी-बेटी के संबंध को तोड़ने की दिशा में कोई ना कोई उटपटांग हरकत कर रहे नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली पद गंवाने के डर से सियासी खेमेबंदी में जुटे हैं. राजनीतिक गलियारों में घिरे ओली के खिलाफ अब जनता का आक्रोश भी सड़कों पर नजर आने लगा है. वहीं, अब ओली के खिलाफ नेपाल के संत समाज ने भी मोर्चा खोल दिया है.

Advertisement

ओली की ओर से पिछले दिनों भगवान राम और अयोध्या को लेकर दिए गए बयान से भड़के संत 18 जुलाई को सड़कों पर उतर आए. संतों ने जनकपुर में पीएम के बयान का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में शामिल साधु-संत, धार्मिक संगठन और आम नागरिकों की मांग थी कि पीएम ओली अपना बयान वापस लें.

नेपाल के पीएम का बेतुका बयान, बोले- नेपाली थे भगवान राम, भारत में नकली अयोध्या

प्रदर्शनकारी संत और नागरिकों ने जनकपुर और अयोध्या का संबंध बरकरार रखने के नारे लगाए. साथ ही पीएम ओली को यह भी संदेश दिया कि वे हिंदुओं की आस्था पर चोट ना करें. गौरतलब है कि पिछले दिनों नेपाली के आदिकवि भानुभक्त की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ओली ने भगवान राम को नेपाली नागरिक बताया था.

Advertisement

भगवान राम पर नेपाली PM के बयान से भड़के अयोध्या के संत, धर्मादेश जारी

अपने बयान के समर्थन में ओली ने कहा था कि जिस अयोध्या की बात की जाती है, वह भी भारत की नहीं, वह भी नेपाल में है. उन्होंने भारत पर आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अतिक्रमण का भी आरोप लगाया था. ओली के बयान की अयोध्या के साधु-संतों ने भी कड़ी आलोचना की थी.

दिल्ली: नेपाल एंबेसी के बाहर नेपाली लोगों का प्रदर्शन, PM ओली के बयान पर नाराजगी

बता दें कि केपी शर्मा ओली की चीन से नजदीकियां किसी से छिपी नहीं हैं. ओली पिछले कुछ दिनों से लगातार भारत विरोधी एजेंडे को हवा देने की कोशिश में जुटे हैं. पिछले दिनों ओली की सरकार ने भारत के तीन इलाकों लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी को अपना बताया था. नेपाल ने इन तीनों इलाकों को अपने हिस्से में दर्शाने वाला नया नक्शा संसद से पास कराया था.

केपी ओली के विरोध में हिंदू सेना ने नेपाल दूतावास के बाहर लगाए पोस्टर

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement