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नेटफ्लिक्स और अमेजोन से मिलेगा भूत को नया बाजार

नेटफ्लिक्स के हॉरर जोनर के नए बाजार में बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान भी आ रहे हैं. उनकी प्रोडक्शन कंपनी रेड चीलीज एक हॉरर सीरीज बेताल में बतौर को-प्रोड्यूसर पैसे लगा रही है. पैट्रिक ग्राहम की लिखी और डायरेक्ट की गई इस सीरीज में अंग्रेजों के जमाने की कहानी है. अमेजोन ने भी हॉलीवुड की कई भूतिया फिल्मों को दिखाने की घोषणा की है.

भूत फिल्म में विकी कौशल भूत फिल्म में विकी कौशल
नवीन कुमार
  • ,
  • 20 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 4:43 PM IST

भूत से सबको डर लगता है. बाजार भी डरता है. यह बाजार सिनेमा का है. सिनेमा के लोग भूत पर पैसा लगाने से डरते हैं. क्योंकि, आम फिल्मों की तरह कमाई करने वाला प्रोडक्ट नहीं है और उससे कम कमाई होने का खतरा रहता है. लेकिन नेटफ्लिक्स और अमेजोन ने उस खतरे को खत्म करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं. डिजिटल प्लेटफार्म पर भूत के लिए एक ऐसा नया बाजार खोला है जिसकी तरफ सिनेमा वाले आकर्षित हो रहे हैं. इस आकर्षण का खुलासा भूत-द हांटेड शिप फिल्म से बतौर निर्देशक करियर शुरु करने वाले भानू प्रताप सिंह ने किया है. भानू के शब्दों में, 'भूत वाली फिल्मों को सेंसर बोर्ड की तरफ से व्यस्कों की श्रेणी में रखा जाता है जिससे इसे सैटेलाइट पर भी दिखाना मुश्किल होता है और कम कमाई होने का खतरा बढ़ जाता है. अब नेटफ्लिक्स और अमेजोन के आने से सैटेलाइट वाला रेवेन्यू मिल सकता है.

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अगर नेटफ्लिक्स और अमेजोन नहीं होता तो ये भूत भी नहीं बनती.' यह भूत धर्मा प्रोडक्शन ने तैयार किया है जिसका कल्चर ही नहीं है इस तरह की फिल्म बनाने का. रोमांटिक और पारिवारिक फिल्में ही बनाती है. कुछ साल पहले करण ने शाहरुऱ खान के साथ मिलकर काल बनाई थी. उसके बाद तौबा कर लिया था. बाजार का तकाजा देखिए कि अब खुद करण ने भी हॉरर जोनर में हाथ आजमा लिया है वो भी नेटफ्लिक्स की घोस्ट स्टोरीज सीरीज से. इसमें चार कहानियां हैं. इसे करण के अलावा जोया अख्तर, अनुराग कश्यप और दिबाकर बनर्जी निर्देशित कर रहे हैं. मजे की बात यह भी है कि इससे जाह्नवी कपूर जैसी नई अदाकारा ने भी डिजिटल प्लेटफार्म पर कदम रखा है.

नेटफ्लिक्स के हॉरर जोनर के नए बाजार में बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान भी आ रहे हैं. उनकी प्रोडक्शन कंपनी रेड चीलीज एक हॉरर सीरीज बेताल में बतौर को-प्रोड्यूसर पैसे लगा रही है. पैट्रिक ग्राहम की लिखी और डायरेक्ट की गई इस सीरीज में अंग्रेजों के जमाने की कहानी है. अमेजोन ने भी हॉलीवुड की कई भूतिया फिल्मों को दिखाने की घोषणा की है.

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हिंदी सिनेमा में देसी भूतों पर रामसे ब्रदर्स का अधिकार रहा है. रामसे ब्रदर्स भी पहले बंबइयां फिल्में बनाते थे. लेकिन इसमें जब वो सफल नहीं हो पाए तो भूतों को पकड़ लिया. भूतों ने उन्हें सफल निर्माता बना दिया. बाद में रामसे ब्रदर्स ने भी भूतों को छोड़ दिया. उनके बाद रामगोपाल वर्मा ने भूतों को लेकर सफल प्रयोग किया और उन्होंने आयकोनिक फिल्में बनाई. भानू भी कहते हैं, 'रामू की आयकोनिक भूत है. मुझे उनकी भूत के अलावा रात भी बेहद पसंद है.

भट्ट कैंप की हॉरर फिल्मों में राज और पुरानी फिल्में महल, गुमनाम डराती हैं.' यह सच है कि भूतों से प्यार करने वाले सारे फिल्ममेकर नहीं हैं. रामसे ब्रदर्स के बाद रामू आए और फिर भट्ट परिवार. आज भी सिनेमाप्रेमियों को जो भूत देखने को मिल जाते हैं वो भट्ट कैंप से विक्रम भट्ट लेकर आते हैं. अब धर्मा प्रोडक्शन को भी भूतों से प्यार हो गया है. क्योंकि, इस समय नए सिनेमा का चलन है जिसमें दर्शकों को कुछ नया दिखाना जरूरी है. अगर कहानी में नयापन नहीं है तो उस फिल्म को दर्शक खारिज कर देते हैं. रोमांस हो या पारिवारिक कहानी हो उससे दर्शकों का जुड़ना भी जरूरी है. इसलिए कहानी छोटे शहरों से जुड़ी कहानी ज्यादा आ रही हैं. उसके कैरेक्टर्स दर्शकों को अपना लगता है.

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ऐसे में भूतों की कहानी भी उसी तरह की खोजी जा रही है. बकौल भानू, '2011 में मुंबई के जुहू बीच पर एक 200 मीटर लंबा भीमकाय खाली शिप अपने आप आकर लग गया तो सबके लिए आश्चर्य का विषय था कि यह शिप बिना क्रू मेंबर के यहां तक कैसे पहुंच गया. एक राइटर के तौर पर मैंने भी एक फिक्शनल हॉरर स्टोरी लिख दी.' भानू ने अपनी कहानी पर दो साल तक मेहनत की और तब करण को हॉरर जोनर की यह कहानी पसंद आई. राजी में विकी कौशल का काम देखने के बाद इस भूत के साथ उन पर जुआ खेला गया है. भानू के शब्दों में, 'मुझे पूरा भरोसा है कि यह भूत हिंदी सिनेमा में हॉरर जोनर को एक नई दिशा देगी. फिल्ममेकर्स को एक नया बाजार मिलेगा और इस जोनर की कई फिल्में बनेगी.'

गोलमाल अगेन और स्त्री की सफलता ने भी फिल्ममेकर्स को चौंकाया था. लेकिन जिस तरह से कॉमेडी फिल्मों को बनाने में फिल्ममेकर्स दिलचस्पी लेते हैं उस तरह से हॉरर जोनर की ओर नहीं आ रहे हैं. भानू का कहना है कि भूत-द हांटेड शिप पूरी तरह से हॉरर फिल्म है. यह डराती है, हास्य पैदा नहीं करती है. इसमें रोमांटिक गाने नहीं हैं. विकी कौशल और भूमि पेडणेकर पर फिल्म के शुरू में ही एक गाना है जो कहानी को आगे बढ़ाने के लिए है.

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फिल्म के पहले भाग में दर्शक कई सवालों में उलझे रहेंगे और मध्यांतर के बाद उन्हें एक-एक सवाल के जवाब मिलेंगे. दर्शकों को डराने के लिए साउंड और वीएफएक्स का बहुत सुंदर प्रयोग किया गया है. भानू ईमानदारी से स्वीकार करते हैं कि वो विदेशी हॉरर फिल्में देखते हैं. लेकिन उन्होंने किसी विदेशी हॉरर फिल्म की नकल नहीं की है. वो बताते हैं कि हॉलीवुड में भी हॉरर फिल्में कम बनती हैं. जापानी और कोरियन हॉरर में माहिर हैं. हॉलीवुड वाले भी उनकी नकल करते हैं.

हिंदी में जो हॉरर फिल्में बन रही हैं उनमें से ज्यादातर में कॉमेडी का तड़का लगा रहता है. राज हॉरर फिल्म थी. लेकिन थिएटर में दर्शक खूब हंस भी रहे थे. रामू ने रात और भूत में डराने की कोशिश की थी. रामसे ब्रदर्स की दो गज जमीन के नीचे काफी डरावनी फिल्म थी जबकि उन दिनों आज की तरह विकसित तकनीक नहीं थे. लेकिन इस साल हॉरर जोनर की कुछ और फिल्में रिलीज होने वाली हैं जो कॉमेडी के साथ हैं.

 ऐसी फिल्मों में रूह आफजा है जिसमें राजकुमार राव और जाह्नवी कपूर हैं. अक्षय कुमार की साउथ की हिंदी रीमेक फिल्म लक्ष्मी बोम्ब है. इसमें एक ट्रांसजेंडर अपनी मौत का बदला लेती है. भूल भुलैया-2 में कार्तिक आर्यन और कियारा आडवाणी हैं. अपनी पहली फिल्म से अच्छा अनुभव लेने वाले भानू यह भी बताते हैं कि भूत-द हांटेड शिप की कहानी यहीं खत्म होती है. लेकिन कहानी में एक ऐसा सीन छोड़ा गया है जिसको लेकर इसका पार्ट 2 बनाया जा सकता है. भानू को भूत के साथ मजा आ रहा है और वो अगली फिल्म में भी भूत को ही लेकर आना चाहते हैं. 

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