
छींक आना एक प्राकृतिक क्रिया है. छींक आना स्वस्थ जीवन के लिए बहुत जरूरी है. दरअसल, जब कोई बाहरी तत्व हमारे शरीर में प्रवेश कर रहा होता है तो हमें छींक आ जाती है और वो संक्रामक चीज बाहर ही रह जाती है. या फिर जब शरीर में कोई ऐसा ततव प्रवेश कर जाता है तो उसे बाहर निकालने के लिए भी शरीर ये प्रतिक्रिया देता है. छींक बहुत तेज गति से आती है और सही मायनों में कहा जाए तो ये हमारे शरीर की सुरक्षा प्रक्रिया है.
कई बार ऐसा होता है कि सार्वजनिक रूप से छींकना हमें सही नहीं लगता है और हमारे छींकने से आस-पास के लोग भी असहज हो जाते हैं. यही वजह है कि हम 'एक्सक्यूज मी' कहकर छींकते हैं. पर क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि जब आप 'एक्सक्यूज मी' कहते हैं तो सामने वाला क्या कहता है. आपके ऐसा कहने के बाद सामने वाला आपको 'गॉड ब्लेस यू' कहता है. पर क्यों? दरअसल, छींक जिंदगी और मौत से जुड़ी बात भी हो सकती है.
जी हां, ये बिल्कुल सच है कि छींक रोकना बेहद खतरनाक हो सकता है. हो सकता है कि आपके छींक रोकने से आपके शरीर के दूसरे अंगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़े. दरअसल, छींक बहुत तेज गति के साथ आती है. ऐसे में जब हम छींक रोकते हैं तो वो प्रेशर हमारे नाक या गले की कोशिकाओं पर दबाव डालकर उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है. कई बार इसका असर दिमाग पर भी हो जाता है.
ऐसे में आपका ये जानना बहुत जरूरी है कि अगर आप छींक रोकते हैं तो उसके क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं.
छींक रोकना क्यों है खतरनाक?
छींक आने के दौरान हमारे नासा-छिद्रों से तेज रफ्तार में हवा बाहर आती है. अगर आप छींक रोकते हैं तो ये सारा दबाब दूसरे अंगों की ओर मुड़ जाता है. इससे सबसे अधिक नुकसान कान को हो सकता है. हो सकता है कि ऐसा करने से आपके ईयर-ड्रम्स फट जाएं और आपके सुनने की क्षमता चली जाए. छींक रोकने से स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है. छींकने के साथ हमारे शरीर में मौजूद खतरनाक बैक्टीरिया बाहर निकल जाते हैं. पर अगर आप छींक रोकते हैं तो ये शरीर में ही बने रहते हैं.
छींक रोकने के कुछ और भी हैं नुकसान
कई बार ऐसा होता है कि छींक रोकने की वजह से आंखों की रक्त वाहिकाएं प्रभावित हो जाती हैं. इसके अलावा गर्दन में भी मोच आ सकती है. कुछ दुर्लभ मामलों में दिल का दौरा आने की भी आशंका रहती ही है. अगर प्रभाव ज्यादा हो तो दिमाग की नसों पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है.
आखिर हम छींक रोकते क्यों हैं?
सार्वजनिक स्थलों और लोगों के समूह के बीच में छींकना थोड़ा असहज लगता है और हम हाथ रखकर अपनी छींक रोक देते हैं. ये देखने में बहुत ही शालीन लगता है क्योंकि सामने वालों को किसी असहजता का सामना नहीं करना पड़ता है. पर स्वास्थ्य के लिहाज से ये बेहद खतरनाक हो सकता है. आप चाहें तो छींकने के दौरान मुंह पर एक रुमाल रख सकते हैं. जिससे सामने वाले को असहज भी नहीं महसूस होगा और संक्रमण फैलने का खतरा भी कम हो जाएगा.