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अगर आप गुर्दे की पथरी के दर्द से परेशान हैं तो आप के लिए एक अच्छी खबर है. एक नए अध्ययन के मुताबिक, ल्यूकेमिया और मिर्गी के लिए स्वीकृत दवाओं की एक श्रेणी, गुर्दे की पथरी के लिए भी प्रभावी हो सकती है. ये दवाएं स्टोन डिसेटाइलेज इनहिबिटर्स या एचडीएसी इनहिबिटर्स हैं.
शोधकर्ताओं ने पाया कि इन दवाओं में से दो दवाएं- वोरिनोस्टेट और ट्रिचोस्टेटिन ए, मूत्र में कैल्शियम और मैग्नीशियम की मात्रा कम करती हैं. कैल्शियम और मैग्नीशियम दोनों ही गुर्दे की पथरी के मुख्य घटक हैं.
वाशिंगटन विश्वविद्यालय के सेंट लुईस स्थित स्कूल ऑफ मेडिसिन में मेडिसिन साइंस के सहायक प्रोफेसर जियांघुई होउ ने बताया, ‘हमें उम्मीद है कि दवाओं की इस श्रेणी से गुर्दे की पथरी गलाई जा सकती है, क्योंकि यह कैल्शियम और मैग्नीशियम कम करने में प्रभावी है और गुर्दे की कोशिकाओं के लिए विशेष है.’
शोधकर्ताओं ने एक चूहे पर ल्यूकेमिया में प्रयोग की जाने वाली दवा का प्रयोग किया और बिना किसी दुष्प्रभाव के इसके आश्चर्यजनक प्रभाव देखे. कुछ लोगों में आनुवांशिक तौर पर गुर्दे की पथरी की समस्या होती है और उनके मूत्र में स्वाभाविक तौर पर कैल्शियम ज्यादा होता है.
आमतौर पर डॉक्टर शरीर से पथरी निकालने के लिए ज्यादा पानी पीने की सलाह देते हैं. लेकिन चूहे पर किए गए इस नए अध्ययन में होउ और उनके साथियों देखा कि वोरिनोस्टेट की छोटी सी खुराक ने मूत्र में 50 फीसदी तक कैल्शियम और 40 फीसदी तक मैग्नीशियम कम कर दिया.
ट्रिचोस्टेटिन के लिए भी ऐसे ही परिणाम देखे गए. होउ ने बताया, ‘अब हम गुर्दे की पथरी के मरीजों पर इन दवाओं का टेस्ट करना चाहते हैं.’ यह शोध ‘जर्नल ऑफ द अमेरिका सोसाइटी ऑफ निफ्रोलॉजी’ में ऑनलाइन प्रकाशित किया गया.