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नर्सरी में एडमिशन के लिए किसी बच्चे या उसके माता पिता के इंटरव्यू लेने पर स्कूल अधिकारियों को 10 साल तक की कैद की सजा का सामना करना होगा, बशर्ते कि दिल्ली सरकार इस पर कदम आगे बढ़ाती है.
नर्सरी एडमिशन में निजी स्कूलों की मनमानी को रोकने के लिए मौजूदा नियमों को सख्त करने के लक्ष्य से 'आप' सरकार दिल्ली स्कूल शिक्षा संसोधन विधेयक 2015 पेश करने की योजना बना रही है.
प्रस्तावित विधेयक का मसौदा बताता है कि प्री प्राइमरी और प्री स्कूल में प्रवेश स्तर पर जहां बच्चे छह साल से कम उम्र के हों तो बच्चे या उसके माता पिता का इंटरव्यू नहीं होना चाहिए.
इसने कहा है कि एडमिशन के नियम का उल्लंघन करने वाले किसी व्यक्ति या स्कूल को पांच साल से कम सजा नहीं मिलनी चाहिए और यह 10 साल तक बढ़ाई जा सकती है. दिल्ली में कुल 1,100 सरकारी और 1,500 निजी स्कूल हैं. एक और मसौदा विधेयक में राष्ट्रीय राजधानी में गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों की फीस के संग्रह के नियमन के बारे में चर्चा हो रही है.
प्रस्तावित मसौदा में कहा गया है कि गैर सरकारी सहायता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों में किसी भी कक्षा या किसी भी कोर्स के अध्ययन के लिए फीस को निर्धारित करने के लिए सरकार एक समिति गठित करेगी
यह प्रस्ताव किया गया है कि समिति में उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत न्यायाधीश इसके अध्यक्ष के तौर पर होंगे. वहीं शिक्षा निदेशक और एक चार्टर्ड अकाउंटेंट इसके सदस्य होंगे.
मसौदा के नियम का उल्लंघन करने वाले स्कूल को अधिक ली गई राशि को नौ फीसदी ब्याज के साथ एक महीने के अंदर लौटाने का निर्देश दिया जाएगा.
इनपुट: भाषा