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23 सालों बाद आया दिल्ली पुलिस का नया स्लोगन- 'शांति, सेवा, न्याय'

दिल्ली पुलिस ने 23 सालों बाद अपना स्लोगन बदल लिया है. दिल्ली पुलिस के कमिश्नर बीएस बस्सी ने बताया कि दिल्ली पुलिस का स्लोगन 'विद यू, फॉर यू, ऑलवेज' (हमेशा आपके साथ, आपके लिए) से बदल कर 'पीस, सेल्फलेस सर्विस, जस्टिस' (शांति, निस्वार्थ सेवा, न्याय) कर दिया गया है.

दिल्ली पुलिस की गाड़ी दिल्ली पुलिस की गाड़ी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 जनवरी 2014,
  • अपडेटेड 5:21 PM IST

दिल्ली पुलिस ने 23 सालों बाद अपना स्लोगन बदल लिया है. दिल्ली पुलिस के कमिश्नर बीएस बस्सी ने बताया कि दिल्ली पुलिस का स्लोगन 'विद यू, फॉर यू, ऑलवेज' (हमेशा आपके साथ, आपके लिए) से बदल कर 'पीस, सेल्फलेस सर्विस, जस्टिस' (शांति, निस्वार्थ सेवा, न्याय) कर दिया गया है.

पुलिस कमिश्नर बस्सी ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'दिल्ली पुलिस रेप के मामलों में 20 दिन के अंदर चार्जशीट दायर करेगी. इसके अलावा महिलाओं की सुरक्षा के मद्देनजर 306 वुमेन एसआई और 1,300 महिला कांस्टेबलों की नियुक्ति की जाएगी.'

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बस्सी ने बताया, '10 साल में सबसे कम एक्सिडेंट 2013 में हुए. इसके अलावा पुलिस ने ट्रैफिक में भी कई अहम कदम उठाए हैं. ई-चालान शुरू किया गया इसके अलावा ट्रैफिक लाइट को LED में बदलवाया गया. पीसीआर वैन ने 249 अपराधियों को रंगे हाथों पकड़ा.'

कुछ ऐसा रहा दिल्ली पुलिस के लिए साल 2013...
बीता साल दिल्ली पुलिस के लिए मिला-जुला रहा, जहां आईपीएल स्पॉट-फिक्सिंग मामले का भंडाफोड़ हुआ और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी अब्दुल करीम टुंडा को गिरफ्तार किया गया वहीं ,महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पुलिस को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा.

अप्रैल में पूर्वी दिल्ली में पांच साल की बच्ची के साथ रेप की घटना ने पुलिस विरोधी प्रदर्शनों को और तेज कर दिया. एक अस्पताल में प्रदर्शन कर रही लड़की को दिल्ली पुलिस के एक सहायक आयुक्त द्वारा थप्पड़ मारने की घटना ने दिल्ली पुलिस के लिए अप्रिय स्थिति पैदा कर दी.

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साल 2013 में दिल्ली पुलिस को नए प्रमुख मिले. 1977 बैच के आईपीएस अधिकारी बीएस बस्सी ने नीरज कुमार की जगह पुलिस आयुक्त की जिम्मेदारी संभाली. नीरज कुमार का कार्यकाल बहुत उतार-चढ़ाव वाला रहा.

दिल्ली पुलिस कुछ और बड़ी घटनाओं को लेकर भी सुखिर्यों में रही. जुलाई में पुलिस की गोलीबारी में एक बाइकर युवक की मौत और मार्च में संदिग्ध हिज्बुल आतंकवादी लियाकत शाह की गिरफ्तारी और दिसंबर में लश्कर के सदस्य शाहिद की गिरफ्तारी ने पुलिस को खबरों में रखा. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने प्रवचन करने वाले आसाराम के बेटे नारायण साईं को भी पिछले साल ही गिरफ्तार किया.

2,200 करोड़ रुपये के स्पीक एशिया घोटाले के कर्ताधर्ताओं को भी हिरासत में लिया गया, जिसमें करीब 24 लाख भारतीयों के साथ धोखाधड़ी हुई. पिछले साल नगदी वाहनों को लूटने और रसूखदार लोगों द्वारा अपनी नौकरानियों को प्रताड़ित करने के भी कुछ मामले सामने आए. अपनी नौकरानी की कथित तौर पर हत्या करने के ऐसे ही एक मामले में बीएसपी सांसद धनंजय सिंह और उनकी पत्नी जाग्रति को गिरफ्तार किया गया. यह घटनाक्रम राष्ट्रीय खबरों में बना रहा.

साल 2013 के जाते-जाते कुछ पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के भी मामले सामने आए जो या तो अवैध आचरण के कारण घेरे में आये या अपने पदों का दुरुपयोग कर रहे थे. महिलाओं की सुरक्षा के मामले में आलोचनाओं से घिरी दिल्ली पुलिस ने हेल्पलाइन शुरू करने और थानों में सहायता डेस्क बनाने जैसे कुछ कदम उठाए. पिछले साल रेप के मामलों की संख्या पिछले 13 सालों में सर्वाधिक थी.

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