चंद्रमा और ग्रहों के अंतरिक्ष मिशन के दौरान मिले चट्टानों की आयु को मापने के लिए अनुसंधानकर्ता एक नए उपकरण और पद्धति का विकास कर रहे हैं.
पृथ्वी पर पाए जाने वाले चट्टानों की आयु का पता लगाए जाने वाली कई तकनीक अंतरिक्ष उड़ान के दृष्टिकोण से व्यवहारिक नहीं हैं लेकिन लेजर एबलेसन रेजोनेंस आयोनाइजेशन मास
स्पेक्ट्रोमेट्री जैसी तकनीक के जरिए जटिल प्रकिया से बचा जा सकता है.
डॉक्टर एफ. स्काट एंडरसन की अगुवाई वाली अमेरिका के बोल्डर स्थित साउथवेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट के एक दल ने इस तकनीक से पृथ्वी के चट्टानों की सही आयु को सफलतापूर्वक माप कर दिखाया है.
इससे यह संभावना पैदा होती है कि एक दिन इस उपकरण के जरिए सीधे तौर पर
चंद्रमा के चट्टानों का सही आकलन कर पाना मुमकिन हो सकेगा.
‘रैपिड कम्यूनिकेशन इन मास स्पेक्ट्रोमेट्री’ में यह शोध प्रकाशित हुआ है.