
दिल्ली में ऑड-इवन योजना के दौरान वायु प्रदूषण के हालात पर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने सारा डाटा मांगा है. एनजीटी ने सोमवार को केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) से दो सप्ताह में 2015 और 2016 का जनवरी से मई तक का दिल्ली-एनसीआर का विस्तृत प्रदूषण डाटा मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी.
ऑड-इवन स्कीम के दौरान प्रदूषण का डाटा तलब
एनजीटी ने कहा है कि वह जानना चाहती है कि दोनों साल के प्रदूषण के स्तर में क्या फर्क था. इसके साथ ही ऑड-इवन स्कीम से दिल्ली को हुए फायदे या नुकसान की जानकारी भी लेना चाहती है. दिल्ली सरकार ने इन दोनों साल में इसी अवधि (जनवरी से मई) के बीच दिल्ली में ऑड-इवन स्कीम को लागू किया था.
ऑड-इवन स्कीम के दौरान प्रदूषण बढ़ने की शिकायत
इससे पहले दी गई अपनी रिपोर्ट में सीपीसीबी ने कोर्ट को बताया था कि इस साल ऑड-इवन के दौरान दिल्ली में प्रदूषण बढ़ गया था. उस अवधि में दिल्ली में इस साल प्रदूषण का PM स्तर 132 से 196 तक चला गया था. जो 60 से ऊपर होने पर ही खतरनाक हो जाता है.
इस साल दो बार लागू हुआ ऑड-इवन स्कीम
इस साल दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने दो बार ऑड-इवन स्कीम को लागू किया था. जनवरी और अप्रैल महीने में यह स्कीम 15-15 दिनों के लिए लागू किया गया था. सरकार के इस फैसले को लेकर कई सवाल उठे थे. विपक्ष के अलावा आम लोगों ने भी खास तौर से प्रदूषण के और बढ़ने के साथ ही सरकार की लचर तैयारियों पर सवाल किया था.