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PM का ड्रीम प्रोजेक्ट मुश्किल में, गोमुख से हरिद्वार तक गंगा सफाई के लिए फंड जारी करने पर NGT की रोक

एनजीटी ने जल संसाधन मंत्रालय को निर्देश दिया है कि उसके आदेश के बिना गौमुख से लेकर हरिद्वार तक गंगा की सफाई के लिए पैसा जारी न किया जाए.

PM मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है नमामि गंगे PM मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है नमामि गंगे
रोहित गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 12 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 5:59 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट नमामि गंगे को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने झटका दिया है. प्रदूषण के आंकड़े नहीं दे पाने के चलते एनजीटी ने गोमुख से हरिद्वार तक गंगा सफाई के लिए फंड जारी करने पर रोक लगा दी है.

18 फरवरी को होगी अगली सुनवाई
एनजीटी ने जल संसाधन मंत्रालय को निर्देश दिया है कि उसके आदेश के बिना गौमुख से लेकर हरिद्वार तक में गंगा की सफाई के लिए पैसा जारी न किया जाए. एनजीटी ने यह निर्देश उन तथ्यों के सामने आने के बाद दिया कि गंगा सफाई से जुड़े विभागों के पास ऐसे कोई आंकड़े ही नहीं हैं कि गंगा में किस जगह से प्रदूषण कर रही है और कौन-कौन सी इंडस्ट्री से कितना कचरा गंगा में जा रहा है. इस मामले में अब अगली सुनवाई 18 फरवरी को होनी है.

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जल्द ही तैयार होगा कानूनी मसौदा
गंगा संरक्षण से जुड़े कानूनी मसौदे पर भी तेजी से काम चल रहा है. कानूनी मसौदा एक या दो महीने में तैयार हो जाएगा तथा इस नदी को साफ करने के प्रयास के तहत केंद्र ने सार्वजनिक निजी साझेदारी से अतिरिक्त अपशिष्ट शोधन संयंत्रों की स्थापना की भी योजना बनाई है.

PM मोदी हैं गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण के अध्यक्ष
केंद्रीय जल संसाधन मंत्री के सचिव शशि शेखर ने कहा, ‘गंगा के राष्ट्रीय नदी होने के कारण उसके संरक्षण के लिए कानून की जरूरत महसूस की गई है. कुछ लोगों ने उसका मसौदा तैयार किया है. उस पर गौर करने के बाद हमने उसे सुधारने की जरूरत महसूस की.’ उन्होंने कहा, ‘अब एक रिटायर्ड वरिष्ठ अधिकारी यह काम कर रहे हैं. हमें एक या दो महीने में यह मसौदा मिल जाना चाहिए.’ उन्होंने बताया कि मसौदे में सुधार के बाद उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण के सामने रखा जाएगा.

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संसद में पेश हो सकता है विधेयक
शेखर ने कहा, ‘यदि प्राधिकरण ने उसे मंजूर कर लिया तो हम एक कैबिनेट नोट तैयार करेंगे ओर संसद के लिए एक विधेयक प्रस्तुत करेंगे.’ यह कानून लागू होने पर नमामि गंगे मिशन को अधिकार प्रदान करेगा क्योंकि उसमें नदी को प्रदूषित करने को अपराध घोषित का प्रस्ताव है.

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