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प्रदूषण रोकने को NGT ने बनाई पांच राज्यों की कमेटी

एनजीटी ने सड़को पर पानी छिडकने के फैसले पर भी सवाल उठाया कि जब हवा मे प्रदूषण है तो रोड को साफ़ करके प्रदूषण को कैसे कम किया जा सकता है. साथ ही सीवेज के ट्रीट किये गए पानी को सड़क पर कैसे छिड़का जा सकता है जहां लोग सड़क पर चल रहे हैं.

एनजीटी ने प्रदूषण पर गठित की कमेटी एनजीटी ने प्रदूषण पर गठित की कमेटी
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 09 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 4:41 PM IST

प्रदूषण को रोकने के लिए एनजीटी ने 5 राज्यों दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों की एक कमेटी बनाई है, जिसमें पर्यावरण सचिव भी शामिल होंगे. कमेटी को 2 महीने मे एक बार मीटिंग करना अनिवार्य होगा. कमेटी का काम प्रदूषण पर सुझाव देने के अलावा सुझावों को लागू कराने की भी जिम्मेदारी होगी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पर्यावरण मंत्रालय को भी एनजीटी ने इस कमेटी मे शामिल किया हैं

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दिल्ली के प्रदूषण को लेकर एनजीटी की सुनवाई मे दिल्ली सरकार ने दी अपनी एक्शन रिपोर्ट में कहा कि एनजीटी ने जिन चीजों पर बैन लगाया है उसे सरकार सख्ती से लागू करा रही है. इसमें स्टोन क्रशर, ईंट भट्टे बंद करना, निर्माण कार्य एक हफ्ते के लिए रोकना शामिल है. दिल्ली की सभी एमसीडी ने आज एनजीटी को बताया कि उनका स्टाफ एनजीटी के आदेश के मुताबिक ही काम कर रहा है. एनजीटी ने कहा कि आप लोग कागजी कारवाई मे चाहे जो करे लेकिन हमें जमीनी हक़ीकत को बदलना है. आप उस पर क्यों काम नहीं कर रहे है. दिल्ली के लोग बहुत सहनशील है जो काम के इस रवैये को झेल रहे है, साथ ही पडोसी राज्यों के लोग भी इस प्रदूषण को झेलने को मजबूर है.

सड़क पर पानी छिड़कने पर NGT के सवाल
एनजीटी ने सड़को पर पानी छिडकने के फैसले पर भी सवाल उठाया कि जब हवा मे प्रदूषण है तो रोड को साफ़ करके प्रदूषण को कैसे कम किया जा सकता है. साथ ही सीवेज के ट्रीट किये गए पानी को सड़क पर कैसे छिड़का जा सकता है जहां लोग सड़क पर चल रहे हैं.

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पर्यावरण मंत्रालय ने बताया कि पुराने वाहनों के चालान से लेकर उनको ज़ब्त करने तक का काम किया जा रहा है. एनजीटी ने पूछा कि क्या आपने ये रिसर्च की है कि आपके इस प्रयासों से प्रदूषण का कितना स्तर घट रहा है. राज्य सरकारों को भी सोचना होगा कि प्रदूषण को रोकने के लिए सरकारे जो सामान्य काम कर रही है उसका कोई प्रभाव पड़ भी रहा है या नहीं.

फसल जलने को लेकर पंजाब से सवाल
क्रॉप बर्निंग को लेकर पंजाब और हरियाणा से एनजीटी ने पूछा कि आपने ये चेक किया कि वहा के किसान हैप्पी सीडर मशीन का इस्तेमाल करने को तैयार है. पंजाब ने कहा कि सभी किसानों को एक साथ मशीन उपलब्ध करना अभी संभव नहीं है. लेकिन सरकार कोशिश कर रही है कि मशीन का इस्तेमाल बढे और क्रॉप बर्निंग किसान न करें. एनजीटी ने कहा कि क्या आप ये मशीन किसानों को मुफ्त देने को तैयार है. इसके इस्तेमाल पर किसान को कोई भी रकम देने का बोझ नहीं होना चाहिए. लेकिन पंजाब और हरियाणा इस पर एनजीटी को कुछ ख़ास ज़वाब नहीं दे पाए. उनका कहना है कि सब्सिडी देकर किसानो को ये मशीन दी जा सकती है. लेकिन एनजीटी ने कहा कि ये फ्री ऑफ कास्ट होना चाहिए.

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WHO की रिपोर्ट पर यूपी से मांगे सुझाव
एनजीटी ने उत्तर प्रदेश से कहा कि WHO ने एक लिस्ट जारी की है जिसमे आपके राज्य के कई जिले दुनिया के सबसे प्रदूषित इलाके हैं. आपका क्या सुझाव है कि कैसे इसको सुधारा जा सकता है. यूपी ने कहा कि हम आपके सुझावों पर अमल कर रहे है और उन लोगों के खिलाफ़ एक्शन ले रहे है जो प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है.

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