
एनजीटी ने आध्यत्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर की कोलकाता स्थित इमारत को तोड़ने का आदेश दिया है. रविशंकर की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग पर पर्यावरण के नियमों के उल्लंघन का आरोप है इसी बाबत कोर्ट ने कोलकाता के ईएफडब्ल्यू स्थित वैदिक धर्म संस्थान की इमारत को तीन महीने के भीतर तोड़ने और जुर्माना लगाने को कहा है.
हफ्तेभर पहले अपने आदेश में एनजीटी ने ईस्ट कोलकाता वेटलैंड मैनेजमेंट अथॉरिटी को आर्ट ऑफ लिविंग से जुड़ी संस्था वैदिक धर्म संस्थान के सभी अवैध निर्माण को गिराने का आदेश दिया था. वीडीएस पर हरित कानूनों की अवेहलना और जमीन कब्जा करने का आरोप है. ईकेडब्ल्यूएमए पश्चिम बंगाल सरकार के अधीन काम करती है, इसका काम झीलों का रख-रखाव करना है.
क्या है मामला
पर्यावरण के संरक्षण के लिए काम करने वाले कोलकाता के एनजीओ की याचिका के बाद मई 2016 में एनजीटी ने आदेश जारी किया था. पिछले साल ईकेडब्ल्यूएमए ने वैदिक धर्म संस्थान के खिलाफ एक FIR भी दर्ज कराई थी, इस संस्था पर पर्यावरण के कानून का उल्लंघन करते हुए तीन मंजिला इमारत के निर्माण का आरोप था. संस्था के निर्माण को ईस्ट कोलकाता वेस्टलैंड (सरंक्षम/प्रबंधन) कानून 2006 का जबरदस्त उल्लंघन माना गया.
शुरुआत में ईकेडब्ल्यूएमए ने रविशंकर की संस्था को दो नोटिस भी जारी किए थे. इसमें संस्था की सभी निर्माण कार्यों को तुरंत बंद करने के लिए कहा गया था. इस मामले में पहला नोटिस अगस्त 2015 और दूसरा सितंबर में जारी किया गया था. इंडिया टुडे ने पिछले साल रिपोर्ट भी की थी कि किस तरह कानून चेतावनियों के बावजूद इमारत का निर्माण कार्य पूरा किया गया और वहां पर कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया था.
अब एनजीटी ने अपने 25 अक्टूबर को आदेश में तीन महीने के भीतर अवैध निर्माण को हटाने का आदेश दिया है. साथ ही चौथे महीने यानी फरवरी के पहले हफ्ते में इसकी रिपोर्ट भी मांगी है.