
एनजीटी ने प्रदूषण को रोकने में नाकाम रहने पर दिल्ली सरकार पर 50 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है. दिल्ली में स्टील इंडस्ट्री की वजह से वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण काफी बढ़ा है, लेकिन दिल्ली की करीब 62 बड़ी यूनिट्स पर लगाम लगाने में डीपीसीसी के नाकाम रहने के कारण एनजीटी इतना नाराज हुआ कि कोर्ट ने दिल्ली सरकार पर 50 करोड़ का जुर्माना लगा दिया.
एनजीटी ने कहा कि हमारे बार-बार दिए गए आदेशों का पालन अब तक नहीं किया गया है. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीपीसीसी) ने अब तक हलफनामा तक नहीं दिया कि क्यों इन यूनिट्स के लिए बिजली और पानी के कनेक्शन दिए गए हैं? कोर्ट ने कहा कि क्या डीपीसीसी के चेयरमैन को इस बात के लिए हम गिरफ्तार करने के आदेश दे दें? सुनवाई के दौरान जज इस कदर नाराज हुए कि उन्होंने कहा, "आप खुद ही बताइए कि आपकी इस लापरवाही भरे रवैये के लिए आप पर 500 करोड़ का जुर्माना करें या 100 करोड़ का?" हालांकि आदेश लिखने के दौरान कोर्ट ने दिल्ली सरकार पर 50 करोड़ का जुर्माना किया.
दरअसल स्टेनलेस स्टील को पॉलिश करने के दौरान वायु प्रदूषण तो होता है. इसके अलावा स्टील को पॉलिश करने से पहले एसिड से साफ किया जाता है, और फिर पानी का इस्तेमाल किया जाता है. इस एसिड के पानी को यूं ही नाली में बहा दिया जाता है. अदालत ने सवाल उठाया कि इन यूनिट्स को चलाने के लिए बिजली और पानी के कनेक्शन लगाने की इजाजत दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी ने कैसे दे दी जबकि यह पूरी तरह से गैरकानूनी है, और डीपीसीसी के पास इन यूनिट्स को एनओसी देने का कोई अधिकार ही नहीं है.
कोर्ट ने कहा कि दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के एक-एक अधिकारी के खिलाफ हम मुकदमा चलाएंगे जिसने इस केस में हमारे आदेशों का पालन नहीं किया. एनजीटी ने कहा कि अगर दिल्ली सरकार ने इन यूनिट्स को बंद करने के आदेश नहीं दिए थे तो क्या डीपीसीसी को भी हाथ पर हाथ धरे बैठना चाहिए था? डीपीसीसी के एडिशनल सेक्रेटरी को फटकार लगाते हुए एनजीटी ने कहा आपने अपने कर्तव्य का पालन क्यों नहीं किया?