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भारत में ISIS के 'लोन वुल्फ' अटैक की साजिश नाकाम, 3 संदिग्ध बर्दवान से गिरफ्तार

पश्चिम बंगाल के बर्दवान में ISIS के हमले की बड़ी साजिश को सुरक्षा एजेंसियों ने नाकाम कर दिया है. सुरक्षा एजेंसियों के हत्थे चढ़ा आईएसआईएस से रिश्ता रखने वाला मोहम्मद मसूऊद्दीन की निशानदेही पर उसके दो साथियों को गिरफ्तार किया गया है.

अमित कुमार दुबे/जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 07 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 9:13 AM IST

पश्चिम बंगाल के बर्दवान में ISIS के हमले की बड़ी साजिश को सुरक्षा एजेंसियों ने नाकाम कर दिया है. दो दिन पहले सुरक्षा एजेंसियों के हत्थे चढ़ा आईएसआईएस से रिश्ता रखने वाला मोहम्मद मसूऊद्दीन ऊर्फ मूसा की निशानदेही पर उसके दो साथियों को गिरफ्तार किया गया है. सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो गिरफ्त में आए ये लोग बड़े हमले को अंजाम देने की साजिश में जुटे थे. और खूनी खेल के लिए बर्दवान को चुना था.

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सिर कलम की साजिश
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, बर्दवान से गिरफ्तार मूसा और इसके ये दोनों साथी हिंदुस्तान की जमीन पर खूनी खेल खेलने वाला था. मूसा आईएसआईएस के 'लोन वुल्फ' अटैक का एक बड़ा औजार बन चुका था. लोन वुल्फ का अर्थ जानवरों की तरह सिर कलम करने से है. सोमवार को धर्मतल्ला से खरीदा गया 13 इंच का छुरा देश के कुछ बेगुनाह लोगों को मौत बनकर टूटने वाला था. मूसा और उसके साथी शेख कालू और शेख अमीन ने एक खूनी प्लान बनाया था.

शेख कालू और शेख अमीन के साथ मूसा एक स्कूटर पर सवार होकर बाजार में घुसना चाहता था. एक शख्स स्कूटर चलाता रहता और मूसा और उसका एक साथी दोनों छुरों से बाजार में मिलने वाले हर शख्स का गला रेतने में जुट जाता.

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आईएसआईएस के हैंडलर्स के संपर्क में थे ये संदिग्ध
मूसा और उसके साथियों की पूछताछ से पता चला है कि ये लोग आईएसआईएस के हैंडलर्स के संपर्क में थे. पश्चिम बंगाल के बर्दवान शहर का रहने वाला 25 साल का मूसा पिछले दो साल से तमिलनाडु के तिर्रूपर शहर में रह रहा था. जांच एजेंसियों के मुताबिक मूसा वहीं से ऑनलाइन वेबसाइट्स के जरिए आईएसआईए के साथ जुड़ा. सूत्रों के मुताबिक फेसबुक और दूसरी चैट साइट्स के जरिए मूसा सीरिया और अफगानिस्तान में बैठे हुए आतंकियों के संपर्क में आ गया, उसके बाद उसने लगातार ऐसे लिट्रेचर पढ़ना शुरू कर दिया जिसमें जेहाद के बारे में लोगों को उकसाया जाता है.

सोशल मीडिया के जरिए आतंक की तालीम
लेकिन मूसा पर जांच एजेंसियों की नजर तब तक नहीं पड़ी जब तक खागरागढ़ विस्फोट में उसका नाम सामने नहीं आया. खागरागढ़ में एजेंसियों के हत्थे चढ़ा अबदुल्ला से पता चला कि उसका रिश्ता मूसा से है. तब से जांच एजेंसियों ने मूसा को अपने राडार पर रखना शुरू कर दिया. कुछ दिनों बाद मूसा ने अपने एक साथी के साथ जेहाद के बारे में बात करना शुरू कर दिया. बम धमाके से लेकर गोलीबारी तक की बातें होने लगी. इसी बीच मूसा फेसबुक मैसेंजर और दूसरे एप्स के सहारे सीरिया में बैठे हुए आईएसआईए के हैंडलर से निर्देश लेता रहा, फिर मूसा ने आतंकी हमले में तलवार या फिर लंबे छुरे का इस्तेमाल करने का खौफनाक प्लान बनाया.

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बर्दवान के भीड़-भाड़ वाले इलाके निशाने पर
पहले मूसा का प्लान था कि वो अपने एक साथी के साथ स्कूटर पर बैठकर भीड़-भाड़ वाले बाजार में जाएगा, उसका साथी स्कूटर चलाता रहेगा और वो अपनी तलवार से मासूमों का खून बहाता रहेगा. लेकिन कुछ दिनों बाद इस प्लान में एक और दोस्त को शामिल कर लिया गया. अब मूसा ने प्लान बनाया कि तीन लोगों में से एक स्कूटर चलाएगा और पीछे बैठे दोनों सरेआम लोगों पर तलवार से हमले करेगा.

मूसा ने 13 इंच का छुरा खरीदा था
जांच एजेंसियां मूसा के हर प्लान पर नजर रखे हुए थे और जैसे ही मूसा ने तमिलनाडु से कोलकाता के धर्मतल्ला में जाकर 13 इंच का छुरा खरीदा और वो बर्दवान जाने वाली ट्रेन में बैठा तभी जांच एजेंसियों ने कोलकाता पुलिस के सहारे उसको धर दबोचा. पूरे दिन पूछताछ के बाद उसके दोनों साथियों को भी बर्दवान से गिरफ्त में लिया गया है.

मूसा से राज उगलवाने में जुटी हैं जांच एजेंसियां
सूत्रों के मुताबिक जांच एजेंसियों के सामने अभी भी मूसा ने सारे राज नहीं उगले हैं. एजेंसियां मूसा के स्मार्टफोन और स्मार्ट एप्स के कोड को डिकोड करने में लगी हुई है. मूसा के हैंडलर्स की जानकारी इन्हीं कोड में है. जांच एजेंसियां इस बात की तहकीकात में लगी हुई है कि 'लोन वुल्फ अटैक' का आदेश उसको कब और किसने दिया था, इस बारे में किससे बातचीत हुई थी.

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