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पुलवामा हमले के एक साल बाद भी NIA नहीं दाखिल कर पाई 'चार्जशीट'

एनआईए को किसी भी मामले में चार्जशीट फाइल करने में 90 दिन का समय लगता है. लेकिन विशेष तरीके के मामले में एनआईए ज्यादा समय भी लेती है.

फाइल फोटो फाइल फोटो
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 14 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 2:53 PM IST

  • जैश-ए-मोहम्मद ने रची थी हमले की साजिश
  • हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान हो गए थे शहीद

पुलवामा हमले को एक साल बीत गए हैं. इस पूरे मामले की जांच गृह मंत्रालय ने 19 फरवरी 2019 को एनआईए को सौंपी थी. 20 फरवरी 2019 को NIA ने एफआईआर (02/2019/NIA/JMU at NIA पुलिस स्टेशन, जम्मू) दर्ज की थी लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी जांच एजेंसी मामले की जांच नहीं कर पाई है. पुलवामा हमले के मामले में अभी तक NIA कोई चार्जशीट दाखिल नहीं कर पाई है.

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NIA की मानें तो पुलवामा हमले की जांच अभी भी चल रही है. हालांकि, किसी भी चार्जशीट को एनआईए 90 दिनों के भीतर दाखिल कर देती है पर विशेष तरीके के मामले में एनआईए ज्यादा समय भी लेती है. पुलवामा का मामला जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ है इसलिए एनआईए इस पूरे मामले की जांच में काफी समय ले रही है.

एनआईए की एफआईआर के मुताबिक 14 फरवरी को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के जरिए इस हमले को अंजाम दिया गया था जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे.

NIA की जांच में विस्फोटक से भरी कार को CRPF के काफिले में टक्कर मारने वाले जैश के फिदायीन आतंकी आदिल अहमद डार के शरीर के टुकड़े और उनके परिवार वालों के DNA सैम्पल का मिलान किया है जिसमें आदिल अहमद डार के होने के सबूत मिल चुके हैं.

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NIA के पास आदिल अहमद डार के वीडियो सबूत भी हैं जिसमें वो खुद को जैश का आतंकी बताता है. लेकिन सूत्रों के मुताबिक NIA इस पूरे मामले में जैश के शामिल होने के जीवित सबूत ढूंढ रही है. जानकारी के मुताबिक इस हमले से जुड़े 5 जैश के आतंकी मारे जा चुके हैं.

सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला करने वाला आदिल अहमद दार का सहयोगी रहा जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी कारी यासीर इसी साल जनवरी के महीने में सुरक्षाबलों के हाथों ढेर कर दिया गया. सुरक्षाबलों ने पारी त्राल के इलाके में किए एक बड़े ऑपरेशन में कारी यासिर को भी ढेर कर दिया था.

पाकिस्तान का रहने वाला कारी यासिर आईईडी असेंबल करने और उसकी ट्रेनिंग देने में माहिर था. कार में आईईडी का इस्तेमाल कर किस तरीके से विस्फोट किया जाए उसकी ट्रेनिंग देने में भी इसने महारत हासिल कर रखी थी. सुरक्षा महकमे के सूत्रों की मानें तो कारी यासिर त्राल के इलाके में युवाओं को विस्फोटक बनाने और आईईडी असेंबल करने की ट्रेनिंग देता था.

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पुलवामा से जुड़े षड्यंत्रकारी

1. आदिल अहमद डार- ये आत्मघाती हमलावर था जिसने ईको कार में विस्फोटक रखकर सीआरपीएफ के काफिले की एक गाड़ी को टक्कर मार दी थी जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे. NIA इस मामले में जांच कर रही है. सुरक्षा बल आतंकी डार को ढेर कर चुके हैं.

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2. मुद्दसिर खान-जैश का कमांडर, जिसने पुलवामा हमले के पूरे षड्यंत्र को रचा और बाद में मारा गया.

3. कामरान उर्फ राशीद गाजी- जैश का ये आतंकी पिछले साल सुरक्षा बलों के ऑपरेशन में मारा गया. कामरान उर्फ गाजी पाकिस्तान का रहने वाला था, ये जैश का टॉप कमांडर था.

4. सज्जाद भट्ट- ये भी पुलवामा हमले के मुख्य षड्यंत्रकारियों में से एक था जिसने आदिल अहमद डार को मारुति ईको कार लाकर दी थी. इसी कार को आतंकी डार ने सीआरपीएफ के काफिले में विस्फोटकों सहित टक्कर मार दी थी. आतंकी भट्ट भी जून 2019 में सुरक्षा बलों के एक ऑपरेशन में मारा गया.

5. कारी यासिर - आतंकी संगठन जैश का कश्मीर का चीफ जिसे 25 जनवरी को सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया. पुलवामा हमले में इसका भी हाथ सामने आया था. पाकिस्तान का रहने वाला जैश का ये आतंकी IED बनाने में एक्सपर्ट था. ऐसा माना जाता है कि इसने कई कश्मीरी युवाओं को रेडिक्लाईज किया और उनको विस्फोटक बनाने की ट्रेनिंग दी.

6. मसूद अजहर - सूत्रों की मानें तो कई ऐसे कश्मीर और कश्मीर के बाहर के आतंकी हमले हैं जिसमे पाक में बैठकर मसूद अजहर ने षडयंत्र रचा. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो इस भगोड़े आतंकी पर सख्त करवाई करने के लिए FATF में भी कई अहम सबूत डोजियर के तौर पर 16 से 21 फरवरी के बीच होने वाली मीटिंग में दिया जाएगा. FATF की बैठक के लिए NIA की भी एक टीम पेरिस गई है.

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