Advertisement

देवेंदर का कबूलनामा, घाटी को अशांत करने में गिलानी कुनबे का हाथ, बेटे को NIA ने किया तलब

हुर्रियत के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी और उनके परिवार की मुसीबत बढ़ती जा रही है. टेरर फंडिंग पर 'आजतक' के स्टिंग ऑपरेशन के बाद एनआईए की जांच पड़ताल में गिलानी ही नहीं, उसके बेटे दामाद भी बुरी तरह घिर गए हैं.

नईम खान नईम खान
अमित कुमार दुबे/कमलजीत संधू/अशरफ वानी
  • नई दिल्ली,
  • 31 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 6:19 AM IST

हुर्रियत के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी और उनके परिवार की मुसीबत बढ़ती जा रही है. टेरर फंडिंग पर 'आजतक' के स्टिंग ऑपरेशन के बाद एनआईए की जांच पड़ताल में गिलानी ही नहीं, उसके बेटे दामाद भी बुरी तरह घिर गए हैं. गिलानी के बेटे को दिल्ली लाया जाना था लेकिन खराब तबीयत का हवाला देकर वो नहीं आया.

'आज तक' के स्टिंग ऑपरेशन में दिखाया था कि कैसे हुर्रियत नेता आतंक की आग में जम्मू और कश्मीर को झोंकने की बात कर रहे हैं. इस स्टिंग पर एऩआईए ने जब जांच पड़ताल शुरू की तो इसकी जड़ें पाकिस्तान तक पहुंची. हुर्रियत के नेताओं और उनके साथ वतन से गद्दारी करने वालों पर शिकंजा कसा तो इसकी कड़ियां भारत में पाकिस्तान के उच्चायोग तक जुड़ने लगी हैं.

Advertisement

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी के कानूनी सलाहकार देवेंदर सिंह भुल्लर को जब एऩआईए ने हिरासत में लिया तो कई सच्चाइयां खुलती चली गईं. उसकी बातों से एऩआईए को ये शक हुआ कि हो ना हो, कश्मीर में आतंक फैलाने की रूपरेखा में पाक उच्चायोग भी शामिल हो सकता है.

एनआईए की जांच पड़ताल में हुर्रियत का कश्मीर विरोधी चेहरा खुलता गया. देवेंदर बहल की मानें तो इस पूरे आतंकी खेल का एक खिलाड़ी नईम गिलानी भी है, सैय्यद अली शाह गिलानी का बेटा. नईम गिलानी को आतंकी फंडिंग के मामले में पूछताछ के लिए दिल्ली तलब किया गया था. नईम गिलानी का टिकट भी बुक हो गया था लेकिन ऐन वक्त पर बताया गया कि नईम गिलानी की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई है. अब नईम को आईसीयू में रखा गया है.

Advertisement

इसके पहले एनआईए ने छापेमारी में सैयद अली शाह गिलानी का हस्ताक्षर किया हुआ हुर्रियत का एक कैलेंडर बरामद किया था. ये आतंकी कैलेंडर गिलानी के दामाद अल्ताफ फंटूस के घर से बरामद किया था. इस कैलेंडर में तारीख दर तारीख कब कब कहां-कहां हंगामा करना है, कहां दंगा भड़काना है, कहां बवाल कराना है, सब दर्ज था. लेकिन हुर्रियत पर मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का रुख नरम ही है. हुर्रियत का असली चेहरा सामने आने के बाद ये तय करना होगा कि आतंक के इन आकाओं की दुकान हमेशा हमेशा के लिए बंद हो.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement