
टेरर फंडिंग मामले में NIA ने सात कश्मीरी अलगाववादी नेता, एक बिजनेसमैन समेत कुल 10 लोगों के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है. इसमें आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के चीफ सैयद सलाहुद्दीन, लश्कर-ए-तैयबा के हाफीज सईद को चार्जशीट में मुख्य आरोपी बनाया है.
इसके अलावा इस चार्जशीट में अल्ताफ़ अहमद शाह (गिलानी का दामाद), अयाज़ अहमद, पीर सैफ्फुला, शाहे-उल-इस्लाम, मेहराजुद्दीन कलवल, नईम खान, फारूख अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, जहूर अहमद वडाली के नाम शामिल हैं. इन सभी आरोपियों को पिछले साल 24 जुलाई को एनआईए ने कश्मीर से गिरफ्तार किया था.
मालूम हो कि कश्मीर में आठ जुलाई 2016 को हिजबुल मुजाहिदीन के पोस्टर बॉय बुरहान वानी के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद घाटी में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे. सूत्रों के मुताबिक इन लोगों को गैरकानूनी गतिविधियों (निवारण) एक्ट (यूएपी एक्ट 1967) के साथ धारा 121 और 120B समेत भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत चार्ज किया गया. IPC की धारा 121 देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने या युद्ध छेड़ने की कोशिश से संबंधित है. वहीं, आईपीसी की धारा 120B आपराधिक साजिश रचने से जुड़ी है.
NIA ने तब कहा था कि हुर्रियत के सदस्यों समेत उन अलगाववादी नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज की गई है, जिनकी हिजबुल मुजाहिदीन, दुख्तरान-ए-मिल्लत, लश्कर-ए-तैयबा और अन्य आतंकी संगठनों के साथ साठगांठ थी. ये हवाला समेत कई गैर कानूनी रास्तों से अलगाववादी और आतंकी गतिविधियों के लिए फंड जुटा रहे थे. इन गतिविधियों में सुरक्षा बलों पर पथराव, स्कूलों को जलाना, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ना शामिल है.
NIA ने टेरर फंडिंग केस में प्रारंभिक जांच करने के बाद दिल्ली, हरियाणा और जम्मू कश्मीर में विभिन्न ठिकानों पर छापे मारे थे. इस दौरान श्रीनगर से 1.25 करोड़ रुपये और दिल्ली से 35 लाख रुपये जब्त किए गए थे.
आजतक ने किया था खुलासा
आजतक ने अपने स्टिंग 'ऑपरेशन हुर्रियत' में आतंकी फंडिंग का खुलासा किया था. आजतक के खुफिया कैमरे पर अलगाववादी नेता पाकिस्तान से आतंकी गतिविधियों के लिए पैसा आने की बात कबूलते नजर आए थे. जिसके बाद इस मामले की जांच NIA ने शुरू की थी.