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शहीद तंजील सुपुर्द-ए-खाक, दिल्ली सरकार देगी 1 करोड़ का मुआवजा और नौकरी

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में दो बदमाशों ने नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) के डिप्टी एसपी तंजील अहमद (45) और उनकी पत्नी को गोली मार दी. डिप्टी एसपी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हैं.

रोहित गुप्ता
  • बिजनौर ,
  • 03 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 10:12 AM IST

उत्तर प्रदेश के बिजनौर में शनिवार रात बदमाशों के हमले में मारे गए NIA अफसर मो. तंजील अहमद को जामिया कब्रिस्तान में रविवार शाम सुपुर्द-ए-खाक किया गया. इस दौरान जहां उन्हें राजकीय सम्मान के साथ आधि‍कारिक सलामी दी गई, वहीं वहां मौजूद लोगों ने जनाजे में जय हिंद और हिंदुस्तान जिंदाबाद के साथ ही 'यूपी सरकार हाय हाय' और 'तंजील अहमद अमर रहे' के नारे लगाए.

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श्रद्धांजलि देने पहुंचे केजरीवाल, विरोध में लगे नारे
जनाजे में किसी बड़े नेता या मंत्री की गैरमौजूदगी के कारण भी लोगों में गुस्सा रहा. हालांकि, बाद में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शहीद को श्रद्धांजलि देने पहुंचे. लोगों ने केजरीवाल से 5 करोड़ मुआवजे की मांग भी की, जबकि सीएम ने ऐसा कोई ऐलान नहीं किया. लोगों ने सीएम के काफिले के जाने के बाद 'केजरीवाल मुर्दाबाद' के नारे लगाए, वहीं इसके कुछ घंटों बाद ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान ने सरकार की ओर से 1 करोड़ रुपये के मुआवाजे की घोषणा की.

खाने ने कहा, 'मुख्यमंत्री साहब ने मुझसे कहा कि मैं शहीद के परिजनों को 1 करोड़ रुपये मुआवजे की घोषणा करूं. सरकार उनके बच्चों की पढ़ाई का भी खर्च उठाएगी. साथ ही पढ़ाई पूरी होने पर नौकरी भी देगी.'

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BSF देगी 20 लाख का मुआवजा
दूसरी ओर, एनआईए के आईजी ने जानकारी दी कि मो. तंजील अहमद को शहीद का दर्जा दिया गया है. उन्होंने कहा कि शहीद के परिवार को हर संभव मदद की जाएगी. बीएसएफ ने परिजनों को 20 लाख रुपये मुआवजा की घोषणा की है.

गाैरतलब है कि दो बदमाशों ने नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) के डिप्टी एसपी तंजील अहमद (45) और उनकी पत्नी को गोली मार दी. इस हमले में जहां डिप्टी एसपी की मौके पर ही मौत हो गई, वहीं उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हैं. मामले की जांच से जुड़े बरेली के आईजी ने बताया है कि हमलावर करीब आधे घंटे से तंजील की गाड़ी का पीछा कर र‍हे थे.

तंजील का पार्थि‍व शरीर रविवार दोपहर बाद उनके दिल्ली स्थि‍त आवास शाहीनबाग लाया गया. इस बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने यूपी सरकार से कानून-व्यवस्था में सुधार लाने को कहा है. राजनाथ सिंह ने कहा, 'मैं अपेक्षा करता हूं कि यूपी सरकार राज्य में कानून-व्यवस्था में सुधार लाएगी. हमारी टीम वारदात की जगह पर गई है और सारी जानकारी जुटा रही है.'

सिर्फ तंजील थे हमलावरों का टारगेट
आईजी बरेली विजय कुमार ने 'आज तक' से बातचीत में कहा कि एनआईए के अफसर तंजील की हत्या मामले में जांच जारी है. शुरुआती स्तर पर जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक हमलावरों के निशाने पर सिर्फ डीएसपी थे, उनका परिवार नहीं. विजय कुमार ने आगे कहा कि हमलावर आधे घंटे से अधिकारी की गाड़ी का पीछा कर रहे थे. मामले की जांच में 6 टीमें लगाई गई हैं और दिल्ली स्पेशल सेल की टीम भी मौका-ए-वारदात पर पहुंच चुकी है.

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तंजील पर सुनियोजित हमला किया गया: एनआईए
एनआईए के आईजी संजीव कुमार सिंह ने कहा, 'एक सुनियोजित हमले में हमारे बहादुर ऑफिसर तंजील शहीद हो गए, उनकी पत्नी जख्मी हैं.' उन्होंने बताया कि यूपी पुलिस, एसटीएफ और एटीएस इस केस की जांच कर रही हैं.

तंजील पर दागी गई थीं 24 गोलियां
शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, तंजील पर 9 एमएम की 24 गोलियां चलाई गई थीं. पोस्टमार्टम के दौरान उनकी डेडबॉडी से 12 गोलियां निकाली गईं. 9 गोलियां आर-पार हो गई थीं, जबकि 3 छूकर निकल गई थी.

पत्नी का फोर्टिस हॉस्पिटल में चल रहा इलाज
एनआईए ने इसे गंभीर घटना बताया है. इसकी जांच के लिए घटनास्थल पर लखनऊ से डीआईजी के नेतृत्व में एक टीम पहुंच गई है. एटीएस के आईजी और डीआईजी भी मौके पर पहुंच चुके हैं. तंजील की पत्नी को पहले मुरादाबाद के कॉस्मोस अस्पताल में भर्ती किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें नोएडा के फोर्टिस हॉस्पिटल में श‍िफ्ट किया गया. फोर्टिस अस्पताल में एनआईए के अध‍िकारी भी मौजूद हैं.

 

भांजी की शादी से लौट रहे थे
घटना सहसपुर की है. तनजील अहमद अपनी पत्नी और बच्चों के साथ भांजी की शादी से लौट रहे थे कि उन्हें रास्ते में बाइक पर सवार दो बदमाशों ने गोली मार दी. हमलावरों ने कई राउंड फायरिंग की थी. अहमद वेगन आर कार से वापस आ रहे थे.

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पठानकोट केस में जांच टीम का हिस्सा नहीं थे तंजील
अहमद पांच साल से एनआईए के लिए काम कर रहे थे. वे बीएसएफ से एनआईए में डेपुटेशन पर आए थे. वो अच्छी उर्दू जानते थे इसी वजह से पठानकोट हमले की जांच में उनकी सेवा ली गई थी, लेकिन वे पठानकोट मामले में एनआईए की जांच टीम का हिस्सा नहीं थे. एटीएस और एनआईए की टीम मुरादाबाद के उस अस्पताल में पहुंच गई है, जहां अहमद का शव रखा गया है.

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